अंडर-15 नेशनल चेस चैंपियनशिप : दिव्या देशमुख को स्वर्ण, संकल्प ने जीता कांस्य

अंडर-15 नेशनल चेस चैंपियनशिप : दिव्या देशमुख को स्वर्ण, संकल्प ने जीता कांस्य

Bhaskar Hindi
Update: 2018-07-25 15:12 GMT
अंडर-15 नेशनल चेस चैंपियनशिप : दिव्या देशमुख को स्वर्ण, संकल्प ने जीता कांस्य

डिजिटल डेस्क, नागपुर। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में आयोजित 35वीं अंडर-15 गर्ल्स नेशनल चेस चैंपियनशिप के दसवें दौर तक अपराजित थी। लेकिन उन्हें नागपुर की महिला फीडे मास्टर दिव्या देशमुख को पूर्णश्री एमके के हाथाें हार का सामना करना पड़ा। हालांकि दिव्या ने दसवें दौर की समाप्ति तक अपनी जीत सुनिश्चित कर ली थी, लेकिन 11वें दौर की शिकस्त ने दिव्या को निश्चित रूप से निराश कर दिया।

वहीं नागपुर की एक अन्य खिलाड़ी मृदुल डेहनकर छठवें स्थान पर रही। दिव्या ने जहां कुल 9 अंक जुटाए, वहीं मृदुल के नाम 8 अंक रहे। स्पर्धा के 45वीं अंडर-15 ओपन वर्ग में उपराजधानी के संकल्प गुप्ता ने कांस्य पदक जीत लिया है। दसवें दौर की समाप्ति तक संकल्प 8 अन्य खिलाड़ियों के साथ संयुक्त रूप से दूसरे स्थान पर थे और उनके पास जीत की स्थिति में खिताब पर कब्जा जमाने का अवसर था, लेकिन 11वें दौर के मुकाबले में संकल्प को स्पर्धा के स्वर्ण पदक विजेता अजय कार्तिकेयन ने बराबरी पर रोक दिया।

शीर्ष वरीयता प्राप्त खिलाड़ी ने की अच्छी शुरुआत
संतरानगरी की स्टार खिलाड़ी दिव्या देशमुख ने एक बार फिर अपनी श्रेष्ठता को साबित करते हुए राष्ट्रीय स्तर पर स्वर्ण पदक जीत लिया। कुल 11 दौर के मुकाबले में शीर्ष वरीयता प्राप्त खिलाड़ी दिव्या ने अच्छी शुरुआत की। उन्हें चौथे और 7वें दौर के मुकाबले में ड्रॉ खेलना पड़ा, लेकिन आखिरी दौर की बाजी में दिव्या को वरीयता सूची में 15वें नंबर पर आने वाली पूर्णश्री एमके ने पराजित कर दिया। दिव्या इस बाजी में सफेद मोहरों से खेलने का लाभ भी नहीं ले पाईं।

दूसरी ओर मृदुल को दूसरे बोर्ड पर अपेक्षित कामयाबी नहीं मिली। मृदुल ने सफेद मोहरों से सलोनिका साइना के साथ ड्रॉ खेला। स्पर्धा के ओपन वर्ग में संकल्प को दूसरी वरीयता दी गई थी, लेकिन खिताब पर कब्जा जमाने की स्थिति में रहने के बाद भी उसे तीसरे स्थान पर रहते हुए संतुष्ट करना पड़ा। इस वर्ग की वरीयता सूची के दसवें नंबर की खिलाड़ी अजय कार्तिकेयन ने टॉप बोर्ड पर संकल्प को बराबरी पर रोकते हुए उसकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। आखिरी दौर में अजय ने सफेद मोहरों से शुरुआत की और आरंभ से ही संकल्प पर दबाव बनाया। ओपन वर्ग के शीर्ष वरीयता प्राप्त खिलाड़ी कौस्तुभ चैटर्जी को आठवें स्थान पर रहते हुए संतुष्ट करना पड़ा।

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