वड़ा-पाव बेचकर बुजुर्ग कर रहा शहीद सैंनिकों के परिवारों की मदद

अनोखी पहल वड़ा-पाव बेचकर बुजुर्ग कर रहा शहीद सैंनिकों के परिवारों की मदद

Tejinder Singh
Update: 2022-04-20 12:21 GMT
वड़ा-पाव बेचकर बुजुर्ग कर रहा शहीद सैंनिकों के परिवारों की मदद

डिजिटल डेस्क, कोपरगांव, मोबीन खान। बहुत से लोग चाहते हैं कि, हम देश के लिए कुछ करें। अपनी इस भावना के तहत अनेक लोग अपने-अपने तरीके से कुछ न कुछ करते हैं। इन्हीं में कुछ ऐसे भी हैं, जो शहीद सैनिकों के परिवारों की मदद के लिए योगदान देने का प्रयास करते हैं, ताकि देश की सेवा करनेवाले परिवारों को आर्थिक परेशानियों का सामना न करना पड़े। इसी कड़ी में अहमदनगर के कोपरगांव शहर के 78 वर्षीय बुजुर्ग भी अनोखे अंदाज में देश सेवा कर हैं। जो चर्चा का विषय बना हुआ है। 78 वर्षीय अशोक पांडुरंग धुमाल ने शहीद सैनिकों के परिवारों को आर्थिक मदद करने की मंशा से वड़ा-पाव स्टॉल शुरू किया है। इसका उद्घाटन शहीद जवान के परिवार के हाथों किया गया। अशोक धुमाल रोज शाम  डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर मैदान में वड़ा-पाव का स्टॉल लगाते हैं और वड़ा-पाव खरीदने वाले ग्राहकों से एक रुपया शहीद निधि लिखे डिब्बे में डलवाते हैं। इसके बाद हर रविवार को पूर्व सैनिक संघ के अध्यक्ष युवराज गांगवे के हाथों डिब्बा खोलकर जमा राशि कोपरगांव के शहीद सैनिकों के परीवार को दी जाती हैं। इस रविवार जमा हुई कुल 1,200 रुपए की राशि अशोक धूमाल ने गांगवे को सौंपी। 

अशोक धुमाल ने इस उम्र में देश सेवा का अनोखा पैटर्न लागू कर दूसरों के लिए मिसाल कायम की है। वड़ा-पाव के जरिए भी देश सेवा हो रही है, इसलिए उपभोक्ताओं का भी काफी अच्छा रिस्पांस मिल रहा हैं। उनकी इस पहल की सराहना हो रही है।

सराहनीय पहल

युवराज गांगवे अध्यक्ष, एक्स सर्विसमैन एसोसिएशन के मुताबिक जिस आयु में लोग आराम करते हैं, उस उम्र में अशोक धुमाल ने शहीद सैनिकों के परिवारों की वित्तीय सहायता करने के लिए कदम उठाया है, जो सराहनीय है। कोई जवान देश के लिए शहीद होता है, तो उसके पीछे परीवार पर बड़ा संकट आ कर खड़ा हो जाता है। ऐसे परिवार की सहायता के लिए अशोक धुमाल जो परिश्रम कर रहे हैं, निश्चित उनकी सोच को सलाम है।

 

 

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