शोध के क्षेत्र में नंबर वन बनने की तैयारी - सूखा, किसान आत्महत्या जैसी समस्याओं के समाधान में जुटी यूनिवर्सिटी

शोध के क्षेत्र में नंबर वन बनने की तैयारी - सूखा, किसान आत्महत्या जैसी समस्याओं के समाधान में जुटी यूनिवर्सिटी

Tejinder Singh
Update: 2020-02-20 10:59 GMT
शोध के क्षेत्र में नंबर वन बनने की तैयारी - सूखा, किसान आत्महत्या जैसी समस्याओं के समाधान में जुटी यूनिवर्सिटी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर यूनिवर्सिटी का जोर शोध पर ज्यादा है। पिछले कुछ वर्षों के आंकड़ों पर गौर करें तो ऐसा ही लगता है। खास कर विदर्भ के प्राकृतिक संसाधनों, फसलों, उद्योगों और अन्य जरूरी विषयों पर बड़े पैमाने पर शोध जारी है। खासकर कपास, खनन, बायोगैस जैसे क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर यूनिवर्सिटी के स्तर से शोध को बढ़ावा दिया जा रहा है। विविध विभागों में चल रहे शोध या तो यूनिवर्सिटी की खुद की फंडेड है या फिर यूजीसी, एआईसीटीई जैसी सरकारी संस्थाओं या विभागों से आर्थिक सहयोग प्राप्त हैं। वहीं पीएचडी के माध्यम से भी यूनिवर्सिटी में शोध कार्यों को अंजाम दिया जा रहा है। प्रोजेक्ट की सफलता के बाद कई संस्थान पेटेंट भी करवाते नजर आ रहे हैं। फिलहाल यूनिवर्सिटी के विविध विभागों और संबद्ध कॉलेजों ने 160 पेटेंट पंजीकृत कराए हैं। आगामी पांच वर्षों में यूनिवर्सिटी ने 250 पेटेंट पंजीकृत कराने का लक्ष्य रखा है। वहीं पीएचडी की स्थिति देखें तो पिछले पांच वर्षों में हुए दीक्षांत समारोह में यूनवर्सिटी ने कुल 3686 पीएचडी डिग्रियां प्रदान की हैं।

वर्ष    पीएचडी डिग्री

फरवरी 2015    168
अगस्त 2015    483
नवंबर 2016    842
3 दिसंबर 2017    763
24 मार्च  2018    152
19 जनवरी 2019    532
18 जनवरी 2020    746

संस्थान    ग्रैंटेड    प्रकाशित

फिजिक्स डिपार्टमेंट    1    0
फार्मेसी    0    1
राजीव गांधी बायोटेक सेंटर    2    2
कमला नेहरु कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग    2    5
प्रियदर्शनी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग    3    0
जीएच रायसोनी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग    0    102
यशवंतराव चव्हाण कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग    0    11
राम मेघे इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मा    0    7
किशोरीताई भोयर कॉलेज ऑफ फार्मा    0    4

प्रभारी प्र-कुलगुरु डॉ.विनायक देशपांडे के मुताबिक नागपुर यूनिवर्सिटी का शोध पर विशेष जोर है। खासकर विदर्भ में उपलब्ध संसाधनों से विकास, समस्याओं के समाधान और अन्य कई अहम मुद्दों पर शोध चल रहा है। पीएचडी रिसर्च के अलावा हमारे विभाग और कॉलेज विविध संस्थाओं की फंडिंग प्राप्त करके खुद के रिसर्च प्रोजेक्ट भी संभाल रहे हैं। 

 

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