कच्चे बिल पर करते थे जेवरों का हवाला, जबलपुर में भी खपता था करोड़ों का माल

कच्चे बिल पर करते थे जेवरों का हवाला, जबलपुर में भी खपता था करोड़ों का माल

Bhaskar Hindi
Update: 2021-06-24 16:54 GMT
कच्चे बिल पर करते थे जेवरों का हवाला, जबलपुर में भी खपता था करोड़ों का माल



डिजिटल डेस्क जबलपुर। कटनी स्टेशन पर 5.44 करोड़ के जेवरातों के साथ पकड़े गए गुजरात के युवकों ने रेल पुलिस की मौजूदगी में इनकम टैक्स अधिकारियों के सामने कई चौंकाने वाले राज उजागर किए हैं। आरोपियों ने अधिकृत बयानों में कच्चे बिल पर करोड़ों की ज्वैलरी बेचने की बात कबूल करते हुए कटनी, इंदौर के साथ जबलपुर के कई व्यापारियों और उनके गुर्गों के नाम बताए हैं। आरोपियों से जब्त किए गए कच्चे बिल और बयान के आधार पर इनकम टैक्स की इन्वेस्टीगेशन विंग की रडार पर जबलपुर के कई बड़े सराफा कारोबारी आए गए हैं। जिसको लेकर इन्वेस्टीगेशन विंग की एक टीम ने संदिग्ध व्यवासियों के व्यापारिक लेने-देन और टैक्स असिस्मेंट संबंधी जानकारियाँ जुटानी शुरू कर दी हैं।
डिलेवरी के बाद ऑनलाइन होती थी पेमेंट-
सूत्रों के अनुसार गुजरात के सूरत से जेवरों का हवाला लंबे समय से संचालित हो रहा है। जिसमें बड़े कारोबारियों का माल लेकर मप्र आने वालों में युवकों के साथ महिलाएँ और युवतियाँ भी शामिल हैं। कटनी में पकड़े गए युवकों ने बताया कि वे लोग हर तीन महीने में अलग-अलग ट्रेनों से कटनी, इंदौर और जबलपुर पहुँचते थे। इनके पास कच्चे बिल होते थे, जिनमें जिन लोगों को माल देना होता था उनके मोबाइल नंबर भी होते थे। बात होने के बाद सार्वजनिक स्थानों पर डिलेवरी होती थी और पेमेंट ऑनलाइन या दूसरे माध्यमों से पहुँचा दी जाती थी।
जबलपुर से आसपास छोटे जिलों में पहुँचता था माल-
सूत्रों के मुताबिक जेवरों के इस हवाला कारोबार में सूरत से जबलपुर पहुँचने वाले जेवरातों की नरसिंहपुर, सिवनी, छिंदवाड़ा, शहडोल के साथ आसपास के छोटे जिलों में तस्करी होती थी। आयकर सूत्रों की मानें तो पिछले दो सालों में कोरोना काल के दौरान नियमों की आड़ में कई बड़ी डिलेवरियाँ जबलपुर, इंदौर और कटनी में हुई हैं, जिनके संबंध में पुख्ता साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं।

 

Tags:    

Similar News