कुलगुरु का यू टर्न, रिकार्ड में किया फेरबदल "हल्ला' को बताया "आंदोलन'

कुलगुरु का यू टर्न, रिकार्ड में किया फेरबदल "हल्ला' को बताया "आंदोलन'

Anita Peddulwar
Update: 2019-03-16 10:09 GMT
कुलगुरु का यू टर्न, रिकार्ड में किया फेरबदल "हल्ला' को बताया "आंदोलन'

डिजिटल डेस्क, नागपुर। आये दिन विवादों में रहने वाले यूनिवर्सिटी में इन दिनों नया विवाद गहरा गया है। राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय में 8 फरवरी को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं द्वारा की गई तोड़फोड़ पर कई दिनों तक चले राजनीतिक घमासान के बाद आखिरकार यूनिवर्सिटी ने सीनेट के रिकॉर्ड में एक बार फिर यू-टर्न लिया है। सीनेट के रिकॉर्ड में संगठन की इस हरकत को "विश्वविद्यालय पर हल्ला" लिखा गया था, लेकिन अभाविप के सीनेट सदस्य विष्णु चंगादे और अन्य सदस्यों की आपत्ति के बाद कुलगुरु ने "हल्ला" शब्द बदल कर रिकॉर्ड में "आंदोलन" किया गया। ऐसे में अब सवाल उठने लगे है कि यूनिवर्सिटी ने यदि स्वयं ही इस तोड़फोड़ को आंदोलन करार दे दिया है, तो फिर संगठन पदाधिकारी वैभव बावनकर और अन्य 25 लोगों के खिलाफ सीताबर्डी पुलिस स्टेशन में भादंवि 353, 143, 147, 427 व अन्य के तहत दर्ज मामले भी क्या यूनिवर्सिटी प्रशासन पीछे लेगा या नहीं? इधर यूनिवर्सिटी कुलगुरु डॉ.सिद्धार्थविनायक काणे ने प्रसार माध्यमों से किसी भी विषय पर बात करने से इनकार कर दिया है। 

बार-बार बदल रहे फैसला  
बता दें कि 8 फरवरी को परीक्षा से जुड़ी कुछ मांगों को लेकर संगठन के पदाधिकारी कुलगुरु को निवेदन देने पहुंचे थे। पांच से अधिक पदाधिकारियों को कुलगुरु से मिलने से रोकने पर उनका सुरक्षाकर्मियों से विवाद हुआ। गुस्साए कार्यकर्ताओं ने यूनिवर्सिटी के प्रवेश द्वार का एक हिस्सा और कार्यालय का चैनल गेट तोड़ दिया था। इतना ही नहीं तो सुरक्षाकर्मियों से धक्का-मुक्की भी हुई थी, लेकिन 8 फरवरी को यूनिवर्सिटी कुलगुरु ने इसे विद्यार्थियों की गलती बता कर एफआईआर दर्ज करने से इनकार कर दिया था, लेकिन मामले को तूल पकड़ता देख महाराष्ट्र सिक्योरिटी फोर्स के वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी बालू कांबले को पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज करने कहा गया। घटना की एफआइआर दर्ज करने में दो दिन की देरी और रिकॉर्ड में "हल्ला" लिखने पर अभाविप सदस्यों की आपत्ति के बाद एक बार फिर कुलगुरु ने यू-टर्न लिया है।

Similar News