MP में SWINE FLU ने पसारे पैर, विक्टोरिया अस्पताल के दो डॉक्टर पीड़ित

MP में SWINE FLU ने पसारे पैर, विक्टोरिया अस्पताल के दो डॉक्टर पीड़ित

Bhaskar Hindi
Update: 2017-08-21 03:57 GMT
MP में SWINE FLU ने पसारे पैर, विक्टोरिया अस्पताल के दो डॉक्टर पीड़ित

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। मध्यप्रदेश में स्वाइन फ्लू बीमारी तेजी से पैर पसार रही है। आम लोगों के साथ अब डॉक्टर भी इसकी चपेट में आने लगे हैं। शहर के विक्टोरिया अस्पताल के दो डॉक्टरों में स्वाइन फ्लू होने का पता चला है। वहीं नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज अस्पताल में स्वाइन फ्लू से पीड़ित एक महिला को गंभीर हालत में भर्ती कराया गया है।
 
गौरतलब है कि प्रदेश में अब तक स्वाइन फ्लू से 8 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं कई मरीजों में स्वाइन फ्लू होने पुष्टि हुई है। जिला चिकित्सालय विक्टोरिया के सिविल सर्जन डॉ. एके सिन्हा ने बताया कि अस्पताल के डॉ. एनके जैन और उनकी पत्नी डॉ. चंद्र लेखा जैन को पिछले दिनों स्वाइन फ्लू पॉजिटिव आया था। इसके बाद उनका जिला अस्पताल में ही उपचार कराया गया। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही जिला अस्पताल में सर्दी-खांसी के मरीजों का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। उन्हें दवाइयां तो दी जा रही हैं साथ ही जांच के लिए सेंपल भी लिए जा रहे हैं। सिविल सर्जन ने बताया कि 3 दिनों के बाद भी अगर सर्दी ठीक नहीं होती तो ऐसे मरीजों को अस्पताल में ही भर्ती करने के लिए अलग से वॉर्ड भी बनाया गया है। अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में दवाइयां भी हैं और मास्क आदि की व्यवस्था भी की गई है। मेडिकल कॉलेज अस्पताल में अब तक 4 मरीजों की मृत्यु हो चुकी है, लेकिन ये सभी मरीज बाहर के हैं। इन्हें स्वाइन फ्लू की बीमारी भी यहां नहीं हुई थी। 

2015 में हुई थीं 90 मौतें
मध्यप्रदेश में साल 2015 में करीब 90 लोगों की मौत स्वाइन फ्लू से ही हुई थी। इसलिए इसे बेहद गंभीर बीमारी माना जाता है और इसके लिए अलग से ही वॉर्ड बनाए जाते हैं। मेडिकल कॉलेज अस्पताल में अलग से आईसोलेशन वॉर्ड बनाया गया है। जहां मरीजों को अन्य मरीजों से अलग रखकर उपचार किया जाता है। फिलहाल यहां 16 बेड हैं और 9 वेंटीलेटर भी हैं जो अति गंभीर मरीजों को लगाए जा सकते हैं। 

वहीं तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने कहा कि कर्मचारियों का न तो मेडिकल कॉलेज अस्पताल और न ही जिला चिकित्सालय विक्टोरिया में वेक्सीनेशन हुआ है। सभी कर्मचारी, नर्स और खुद चिकित्सक भी स्वाइन फ्लू से निपट रहे हैं, लेकिन सबसे पहले ये जरूरी है कि पहले उन्हें सुरक्षित किया जाए। संघ का कहना है कि यदि जल्द ही सभी कर्मचारियों और नर्सों का वेक्सीनेशन नहीं हुआ तो आंदोलन किया जाएगा।

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