जांच के लिए पानी में ब्लीचिंग पाउडर मिलाकर भेज रहे नमूने

जांच के लिए पानी में ब्लीचिंग पाउडर मिलाकर भेज रहे नमूने

Anita Peddulwar
Update: 2019-05-15 06:00 GMT
जांच के लिए पानी में ब्लीचिंग पाउडर मिलाकर भेज रहे नमूने

डिजिटल डेस्क, नागपुर। दूषित जलापूर्ति की शिकायत मिलने पर जांच तो होती है और नमूने भी लिए जाते हैं, लेकिन पानी को नमूनों में ब्लीचिंग पाउडर डालकर प्रयोगशाला भेजने से रिपोर्ट में सचाई सामने नहीं आ पाती। ग्रामीण क्षेत्र में नल से दूषित जलापूर्ति की शिकायतें तमाम हैं, लेकिन अधिकांश नमूनों की जांच रिपोर्ट निल है। जिला परिषद स्वास्थ्य विभाग की बैठक में पेश की गई रिपोर्ट देख सदस्य भड़क गए। सूत्रों से पता चला कि जांच के लिए भेजे जाने वाले पानी के नमूनों में ब्लीचिंग पाउडर मिलाया जाता है। उपाध्यक्ष तथा स्वास्थ्य समिति सभापति शरद डोनेकर ने स्वास्थ्य विभाग से सतर्कता बरतने के निर्देश दिए।

समिति ने रिपोर्ट तैयार की
नागरिकों को शुद्ध जलापूर्ति करने की स्थानीय स्वराज संस्थाओं पर जिम्मेदारी है। आपूर्ति किए जा रहे पानी की गुणवत्ता जांच के लिए हर महीने पानी के नमूनों का संकलन कर प्रादेशिक सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशाला में भेजे जाते हैं। अप्रैल महीने में पानी के नमूनों की जांच रिपोर्ट स्वास्थ्य समिति की बैठक में पेश की गई। इसमें नागपुर ग्रामीण में सर्वाधिक 44 प्रतिशत नमूने दूषित पाए गए। मौदा तहसील में 35 प्रतिशत आैर कलमेश्वर तहसील में 16 प्रतिशत दूषित जलापूर्ति के आंकड़े पेश किए गए। रामटेक तहसील में 7 प्रतिशत और पारशिवनी तहसील में एक भी नमूना दूषित नहीं मिलने की जानकारी दी गई। इस रिपोर्ट पर समिति सदस्यों ने आपत्ति दर्ज की। सदस्यों का आरोप है कि इन दोनों तहसीलों में अधिकांश नल योजनाओं से दूषित जलापूर्ति हो रही है। जांच रिपोर्ट में सब कुछ ठीक-ठाक बताया गया है।

इसलिए नमूने दूषित नहीं मिलते
सूत्रों ने बताया कि नल से पानी के नमूने संकलित किए जाते हैं। प्रयोगशाला में भेजने से पहले इसमें ब्लीचिंग पाउडर मिलाई जाती है इसलिए जांच में नमूने दूषित नहीं पाए जाते। दूषित जलापूर्ति से संक्रामक बीमारियां होने पर संबंधित स्थानीय स्वराज संस्था पर जिम्मेदारी तय की जाती है। इससे बचने के लिए नागरिकों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जाता है। 

यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा
अपनी जिम्मेदारी से बचने के लिए नागरिकों के स्वास्थ्य से इस तरह की खिलवाड़ कदापि बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पानी के नमूनों में ब्लीचिंग पाउडर मिलाकर जांच के लिए प्रयोगशाला में भेजना गंभीर बात है। 
- शरद डोनेकर, उपाध्यक्ष तथा स्वास्थ्य समिति सभापति, जिला परिषद

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