शहर को जलप्लावन से बचाने क्या किया सरकार ने? जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने माँगा जवाब, अगली सुनवाई 2 जुलाई को

शहर को जलप्लावन से बचाने क्या किया सरकार ने? जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने माँगा जवाब, अगली सुनवाई 2 जुलाई को

Bhaskar Hindi
Update: 2020-06-23 08:45 GMT
शहर को जलप्लावन से बचाने क्या किया सरकार ने? जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने माँगा जवाब, अगली सुनवाई 2 जुलाई को

डिजिटल डेस्कजबलपुर। हाईकोर्ट ने सोमवार को राज्य सरकार से पूछा है कि बारिश के मौसम में शहर को जलप्लावन से बचाने उसके द्वारा क्या-क्या कार्रवाई की गई? एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस अजय कुमार मित्तल और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने अगली सुनवाई 2 जुलाई को निर्धारित की है।
रानी दुर्गावती विवि छात्र परिषद के संयोजक एडवोकेट धीरज ठाकुर की ओर से दायर इस याचिका में कहा गया है कि बीते कुछ वर्षों में शहर में मकानों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि तो हुई, लेकिन उनसे निकलने वाले पानी की निकासी को लेकर कोई ठोस उपाय नहीं किए गए। याचिका में आरोप है कि शहर में स्थित ओमती नाले को बड़ा करने के बजाय उसे और सकरा व अन्डर ग्राउंड कर दिया गया, जिसके कारण उसकी सही ढंग से सफाई नहीं हो पाती है। इतना ही नहीं, इस नाले के कारण थोड़ी सी बारिश में शहर में जलप्लावन की स्थिति बन जाती है और नाले का गंदा पानी कई इलाकों के अलावा कॉलोनियों में भी घुस जाता है, जिससे वहां रहने वाले लोगों का जीवन नारकीय हो जाता है। इस बारे में संबंधित अधिकारियों को शिकायतें देने के बाद भी कोई कार्रवाई न होने पर यह याचिका दायर की गई। याचिका में प्रदेश सरकार, जबलपुर कलेक्टर, संभागायुक्त और नगर निगम आयुक्त को पक्षकार बनाया गया है। मामले पर सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता विजय कुमार मौर्य और राज्य सरकार की ओर से उपमहाधिवक्ता स्वप्निल गांगुली हाजिर हुए। अनावेदकों को जवाब देने का समय देकर युगलपीठ ने उन्हें स्टेटस रिपोर्ट भी पेश करने कहा।

 

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