आम जनता की तरह रिलायंस एनर्जी से क्यों नहीं की जाती टैक्स वसूली : छगन भुजबल

आम जनता की तरह रिलायंस एनर्जी से क्यों नहीं की जाती टैक्स वसूली : छगन भुजबल

Anita Peddulwar
Update: 2018-07-10 05:48 GMT
आम जनता की तरह रिलायंस एनर्जी से क्यों नहीं की जाती टैक्स वसूली : छगन भुजबल

डिजिटल डेस्क, नागपुर। लंबे समय बाद विधानमंडल की कार्यवाही में हिस्सा लेने विधान भवन पहुंचे राकांपा के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल ने आर्थिक नियोजन के मामले में काफी आक्रामक नजर आए। विधानसभा में पूरक मांगों पर चर्चा में भाग लेते हुए भुजबल से सरकार पर कई सवाल दागे। बिजली बिल मामले पर उन्होंने कहा - आम लोगों से वसूली के लिए तो कोई कमी नहीं छोड़ी जाती, जबकि रिलायंस एनर्जी पर 2 वर्ष से 2000 करोड़ का टैक्स बकाया है। उससे वसूली क्यों नहीं हो रही।

मुनगंटीवार भी आक्रामक
भुजबल के तेवर पर वित्तमंत्री सुधीर मुनगंटीवार भी खासे आक्रामक हुए। एक प्रश्न पर उन्होंने भुजबल से दो टूक कहा कि राजस्व के मामले पर उनसे क्यों उत्तर पूछ रहे हो। भाजपा सदस्य राज पुरोहित ने भी भुजबल के तेवर का जवाब देने का प्रयास किया।

सवालों की झड़ी लगाई
सरकार ने मानसून सत्र के पहले ही दिन 11,445 करोड़ की पूरक मांग चर्चा के लिए रखी थी। भुजबल ने कहा कि पहले ही 3,01,343 करोड़ का बजट रखा जा चुका है। अब 11,445 करोड़ की पूरक मांगों की क्यों आवश्यकता है। पहले की सरकार निधि खर्च करती थी तो उसे नियम पालन करने को कहा जाता था। अब नियम का पालन क्यों नहीं हो रहा है। पूरक मांगे चुनाव को देखते हुए तो नहीं है। कर्ज निकालने के मामले में कोई जवाब नहीं देता है।

पहले ही राज्य सरकार 5 लाख करोड़ का कर्ज निकाल चुकी है। 1.43 लाख करोड़ खर्च किए गए पर 84 हजार करोड़ की आय ही जुटा पाए। आय और खर्च में काफी अंतर है। सरकार आर्थिक तौर पर सक्षम नजर नहीं आती है। 50 करोड़ पौधे लगाने के लिए प्रचार कार्य पर 30 करोड़ का खर्च कर रहे हैं। वन अधिकार के लिए लोग मोर्चा निकालते हैं। जिलाधिकारी कार्यालय पर जाते हैं तो जिलाधिकारी का जवाब मिलता है कि वे पौधारोपण कार्यक्रम में व्यस्त हैं। कर्ज चाहे जितना निकाल लीजिए, पर खर्च भी बताइए। 

Similar News