क्यों न निरस्त की जाए छतरपुर के तत्कालीन एसडीएम की जमानत

क्यों न निरस्त की जाए छतरपुर के तत्कालीन एसडीएम की जमानत

Bhaskar Hindi
Update: 2020-12-16 09:39 GMT
क्यों न निरस्त की जाए छतरपुर के तत्कालीन एसडीएम की जमानत

डिजिटल डेस्क जबलपुर । मप्र हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और अन्य को नोटिस जारी कर पूछा है कि छतरपुर के तत्कालीन एसडीएम अनिल सपकले की जमानत क्यों न निरस्त की जाए। जस्टिस नंदिता दुबे की एकलपीठ ने अनावेदकों से चार सप्ताह में जवाब माँगा है। छतरपुर निवासी शिक्षा समिति के प्रमुख अभय सिंह भदौरिया की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि छतरपुर के तत्कालीन एसडीएम अनिल सपकले के खिलाफ सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया गया था। इस मामले में अनावेदक ने हाईकोर्ट में गलत जानकारी देते हुए जमानत का लाभ ले लिया। याचिका में कहा गया है कि अनावेदक की ओर से जमानत याचिका के दौरान हाईकोर्ट को बताया गया कि उसके मामले का चालान 24 अप्रैल 2020 को पेश कर दिया गया है, जबकि चालान 8 मई 2020 को पेश किया गया था। इस तरह महत्वपूर्ण तथ्य छिपाकर अनिल सपकले ने जमानत का लाभ ले लिया। अधिवक्ता ब्रह्मानंद पांडेय ने तर्क दिया कि सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश हैं कि गलत जानकारी देकर जमानत का लाभ लेने वाले की जमानत निरस्त कराना शासन की जिम्मेदारी है। एकलपीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है। 
 

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