पत्नी से प्रताडि़त नेत्रहीन बुजुर्ग को वृद्धाश्रम भेजने का आदेश -  हाईकोर्ट से मिला न्याय

पत्नी से प्रताडि़त नेत्रहीन बुजुर्ग को वृद्धाश्रम भेजने का आदेश -  हाईकोर्ट से मिला न्याय

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Update: 2019-09-18 08:52 GMT
पत्नी से प्रताडि़त नेत्रहीन बुजुर्ग को वृद्धाश्रम भेजने का आदेश -  हाईकोर्ट से मिला न्याय

डिजिटल डेस्क जबलपुर । हाईकोर्ट ने अपने ही घर में बंधक बनाकर रखे गए और पत्नी से प्रताडि़त एक नेत्रहीन बुजुर्ग को वृद्द्धाश्रम भेजने का आदेश दिया है। जस्टिस संजय द्विवेदी की एकल पीठ ने कलेक्टर जबलपुर को बुजुर्ग की आंखों का इलाज कराने का भी निर्देश दिया है। यह विधि छात्रों की पहल से बुजुर्ग को न्याय मिल पाया। 
बुजुर्ग को पत्नी द्वारा खाना नहीं दिया जाता
हरीसिंह रूपराह लॉ कॉलेज की लीगल एड सोसायटी की ओर से दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में कहा गया कि छोटी ओमती निवासी हरिशंकर डोम आयुध निर्माणी से चार्जमैन के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। बुजुर्ग को उनकी पत्नी कृष्णा देवी प्रताडि़त करती है। बुजुर्ग को पत्नी द्वारा खाना नहीं दिया जाता है। यहां तक की बुजुर्ग की आंखों का इलाज नहीं कराया गया, इसके कारण बुजुर्ग की दोनों आंखों की रोशनी चली गई है। उसके अपने ही घर में बंधक बनाकर रखा गया है। पत्नी हर महीने बुजुर्ग की पेंशन छीन लेती है। खाना मांगने में बुजुर्ग को लकड़ी पर कपड़ा बांधकर मारा जाता है, ताकि उसके शरीर पर निशान नहीं पड़े। विधि छात्र निधि पदम और अंकित मिश्रा बुजुर्ग को कलेक्टर और एसपी के पास ले गए थे, लेकिन बुजुर्ग को वृद्द्धाश्रम भेजने और इलाज की व्यवस्था नहीं हो पाई। इसके बाद बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की गई थी। 
कोर्ट ने पूछा- वृद्द्धाश्रम जाएंगे, बुजुर्ग ने कहा- जी हां 
पुलिस ने मंगलवार को बुजुर्ग को हाईकोर्ट में पेश किया। अधिवक्ता नरिंदरपाल सिंह रूपराह ने कहा कि बुजुर्ग को उसकी पत्नी ही प्रताडि़त कर रही है। इलाज नहीं होने की वजह से बुजुर्ग की दोनों आंखों की रोशनी चली गई है। ऐसे में बुजुर्ग को वृद्द्धाश्रम भेजा जाए। जस्टिस संजय द्विवेदी ने बुजुर्ग से पूछा कि क्या वे वृद्द्धाश्रम जाएंगे। इस पर बुजुर्ग ने कहा- जी हां। इसके बाद एकल पीठ ने बुजुर्ग को वृद्द्धाश्रम भेजने और आंखों का इलाज कराने का आदेश दिया है।
 

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