मुख्य सचिव बीपी सिंह की दो टूक, काम में लापरवाही तो होगी कार्रवाई

मुख्य सचिव बीपी सिंह की दो टूक, काम में लापरवाही तो होगी कार्रवाई

Bhaskar Hindi
Update: 2017-08-19 04:07 GMT
मुख्य सचिव बीपी सिंह की दो टूक, काम में लापरवाही तो होगी कार्रवाई

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। शुक्रवार को प्रदेश के मुख्य सचिव बीपी सिंह ने मैराथन बैठक ली। बैठक में उन्होंने साफ शब्दों में अधिकारियों से कार्यशैली सुधारने की बात कही। विभाग की छवि सुधारने के लिए उन्होंने अधिकारियों को फटकार भी लगाई। उन्होंने कहा कि लोगों को बिना परेशानी काम किस तरह किया जा सकता है इस पर ध्यान देने की जरूरत है।

गौरतलब है कि करीब 11 घंटे चली इस मैराठन बैठक में 8 जिलों के 235 अधिकारी शामिल हुए। इस बैठक में कलेक्टर्स ने अपने-अपने जिलों का ब्यौरा दिया। स्टेट चीफ सेकेट्री बीपी सिंह ने कहा कि पूरे राज्य में राजस्व मामलों में कोशिशें और समाधान के लिए ताकत इसलिए लगाई जा रही है, ताकि न सिर्फ आम नागरिक को होने वाली परेशानियों को दूर किया जा सके, बल्कि देश में मध्यप्रदेश को रेवेन्यू मामलों के निपटारे में अग्रणी बनाया जा सके। वर्तमान में आलम यह है कि राजस्व विभाग का नाम लेते ही लोगों के माथे पर बल पड़ जाता है। लोगों में यह धारणा बन गई है कि राजस्व का काम आसानी से नहीं होगा। बैठक में सीएस ने जहां तंत्र सुधारने के लिए अपने विचार रखे, वहीं अधिकारियों से उनकी समस्याएं भी सुनीं। कलेक्टर्स से लेकर तहसीलदारों ने भी अपना पक्ष रखकर उन्हें आने वाली दिक्कतों के बारे में बताया। 

लापरवाही पर कार्रवाई तय
सीएस ने अपने दौरे का अनुभव साझा करते हुए कहा कि मैदानी स्तर पर ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें मामूली कामों के लिए लोगों को भटकना पड़ता है। इस प्रक्रिया में असामान्य रूप से देरी होती है। इस बारे में शिकायतें शासन तक पहुंचती हैं, जिन्हें गंभीरता से लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि तमाम व्यस्तताओं के बीच भी संबंधित राजस्व अधिकारियों को अपनी कोर्ट में नियमित रूप से बैठना सुनिश्चित करना होगा। सीएस ने आगाह किया कि वे दो माह बाद फिर दौरा करेंगे और उस समय बिना दर्ज किया प्रकरण पाए जाने पर संबंधित अधिकारी का निलंबन तय है।

पटवारी बस्तों की हो नियमित जांच 
सिंह ने ग्रामीण क्षेत्रों के भ्रमण के दौरान पटवारियों के खिलाफ सामने आईं शिकायतों का जिक्र करते हुए कहा कि संबंधित तहसीलदार और अनुविभागीय अधिकारियों के अपेक्षित ध्यान नहीं देने से इन शिकायतों का समय से निराकरण नहीं हो पाता। उन्होंने निर्देश दिए कि शत-प्रतिशत पटवारियों के बस्तों की जांच की जाए। इसके अलावा अविवादित नामांतरण, बंटवारा व सीमांकन संबंधी प्रकरणों का जल्द निराकरण किया जाए। जरूरत पड़ने पर संबंधित अमले को ट्रेनिंग दिलाई जाए। सिंह ने कहा कि राजस्व न्यायालय में आदेश पारित होने के बावजूद रिकॉर्ड में दुरुस्ती के प्रति गंभीरता न बरतने के कारण आगे चलकर समस्याएं पैदा होती हैं।

अंतरआत्मा की आवाज सुनें 
सीएस ने कड़े शब्दों में हिदायत दी कि राजस्व अधिकारी अपने कर्तव्यों के प्रति सचेत रहें। एसडीओ कोर्ट में प्रकरणों के निराकरण की प्रक्रिया अंतहीन रूप से लंबी नहीं होनी चाहिए। जब तक अधिकारी कोर्ट की कुर्सी पर बैठते हैं तब तक उनसे यह अपेक्षा है कि वे अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनेंगे और न्याय करेंगे। सीएस ने कहा कि अच्छा कार्य करने वाले प्रत्येक स्तर के राजस्व अधिकारी को पुरस्कृत भी किया जाएगा।  

जबलपुर की स्थिति अच्छी 
सिंह ने जबलपुर जिले में राजस्व न्यायालयों की परफॉर्मेंस को संभाग के अन्य जिलों से बेहतर बताया। उन्होंने कहा कि अन्य जिलों में भी अधिकारियों के प्रयासों से शीघ्र ही स्थिति में सुधार होगा। इससे पहले जबलपुर की समीक्षा के दौरान कलेक्टर महेशचंद्र चौधरी ने जिले के राजस्व न्यायालयों में बीते दिनों किए गए सुधार के बारे में जानकरी दी। उन्होंने कहा राजस्व न्यायालयों की अधोसंरचना में सुधार लाने के प्रसास लगातार किए जा रहे हैं। इसके अलावा इस वर्ष जिले में राजस्व वसूली के लिए 5 करोड़ रुपए का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

सीएस ने पत्रकारों से अनौपचारिक चर्चा की। उन्होंने कहा कि राजस्व मामलों में सुधार के लिए गंभीरता से प्रयास किए जा रहे हैं। प्रकरणों के लंबित होने की एक वजह अधिकारियों की कमी भी है। इस दिशा में कारगर कदम उठाते हुए भर्ती की जाएगी। 

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