मोहनिया सुरंग से सीधी-रीवा के सफर के लिए डेढ़ वर्ष तक करना पड़ेगा इंतजार

तीन किमी लम्बी सुरंग का 2.3 किमी तक निर्माण कार्य पूरा पर शेष में चल रहा काम मोहनिया सुरंग से सीधी-रीवा के सफर के लिए डेढ़ वर्ष तक करना पड़ेगा इंतजार

Bhaskar Hindi
Update: 2021-10-20 17:03 GMT
मोहनिया सुरंग से सीधी-रीवा के सफर के लिए डेढ़ वर्ष तक करना पड़ेगा इंतजार

डिजिटल डेस्क सीधी। कैमोर पहाड़ के मोहनिया सुरंग से सीधी-रीवा के रोमांचक सफर की अगर सोच रहे हैं तो डेढ़ वर्ष तक अभी और इंतजार करना पड़ेगा। करीब तीन किमी की लम्बी सुरंग का 2.3 किमी का कार्य लगभग पूरा हो चुका है किन्तु आगे का काम अभी शेष है। सुरंग निर्माण के साथ ही सड़क निर्माण का कार्य भी होना बाकी है।
उल्लेखनीय है कि सीधी-रीवा मार्ग में पडऩे वाले कैमोर घाट के टेढ़े-मेढ़े रास्ते से निजात दिलाने मोहनिया में सुरंग का निर्माण किया जा रहा है। सुरंग निर्माण और चुरहट वाईपास निर्माण के बाद करीब दस किमी तक का सफर कम हो जाएगा। पहाड़ के टेढ़े-मेढ़े रास्ते से निजात तो मिलेगी ही साथ ही सुरंग से रोमांचक सफर का भी यात्री लुत्फ उठा सकेंगे। बताया जाता है कि सीधी-रीवा सड़क निर्माण करने वाली कंपनी अभी पूरी तरह से सड़क का निर्माण भी नहीं करा सकी है। मोहनिया घाटी के पहले लम्बे समय से जारी पुल निर्माण चुरहट वाईपास मार्ग को हरी झंडी देने में आड़े आ रहा है। हालांकि पुल निर्माण का कार्य अब अंतिम पड़ाव पर है लेकिन इसके बाद भी सुरंग से यात्रा नहीं हो सकेगी। सुरंग निर्माण का काम काफी धीमी रफ्तार से चल रहा है। निर्माण कंपनी के जिम्मेदारानों के अनुसार सुरंग का 2.3 किमी तक का काम पूरा हो चुका है। कुल 3 किमी सुरंग का निर्माण किा जाना है। जहां निर्माण कार्य शेष बचा हुआ है वहां अभी भी विस्फोटक सामग्री लगाकर खुदाई का काम चल रहा है। सुरंग निर्माण के साथ ही फिनिसिंग और फिर सड़क निर्माण का काम भी होना है। जाहिर है यह सब होने में डेढ़ से दो वर्ष तक का समय लग सकता है। यद्यपि सुरंग निर्माण के कर्ता-धर्ता 2022 तक में निर्माण कार्य पूरा हो जाने का दावा कर रहे हैं। जिस रफ्तार से वहां काम चल रहा है उससे तो नहीं लगता कि डेढ़ वर्ष के भीतर भी यात्रियों को सुरंग के रोमांचक सफर का आनंद मिल सकेगा। जो भी हो विंध्य क्षेत्र के लोगों को मोहनिया पहाड़ी में बन रहे सुरंग का बेसब्री से इंतजार है।
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खस्ताहाल है चुरहट-मोहनिया मार्ग
सीधी-सिंगरौली फोरलेन के बाद अगर जिले में कहीं की सबसे ज्यादा सड़क खराब है तो वह चुरहट-मोहनिया मार्ग ही है। सर्रा से चुरहट थाना तक की सड़क तो राजनैतिक अखाड़ा बनने के बाद भी जस की तस पड़ी हुई है। इसके बाद मोहनिया तक की सड़क भी चलने लायक नहीं बची है। चुरहट वाईपास मार्ग अभी तक संचालित नहीं हो सका है इसलिए रीवा जाने वाले वाहनों को मोहनिया होकर ही घाट पार करना पड़ता है। इस दौरान खस्ताहाल सड़क में सफर करना खतरे से खाली नहीं रहता है। कारण यह कि जगह-जगह सड़क में बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं जहां से निकलने वाले वाहन कब लुढ़क जाएंगे कहां नहीं जा सकता है। चुरहट बाजार की हालत तो पूछने लायक नहीं बची है। खस्ताहाल सड़क को लेकर कांग्रेस ने गड्ढो को भरने के लिए जन सहयोग अभियान चलाया था लेकिन इस अभियान का भी सड़क की सेहत पर कोई असर नहीं हुआ है। सड़क में बने गड्ढे जस के तस देखे जा रहे हैं जो अभियान छेडऩे वालों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों को चिढ़ा रहे हैं। हालांकि केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय से सड़क निर्माण के लिए राशि स्वीकृत हो चुकी है पर निर्माण कार्य कब तक में शुरू होगा यह तय नहीं हो पाया है।
सुरंग देखने की ललक में पहुंच रहे लोग
मोहनिया घाटी में निर्माणाधीन सुरंग का सफर कब रोमांचक होगी यह तो तय नहीं पर सुरंग देखने की लोगों में काफी उत्सुकता बनी हुई है। भारी-भरकम कैमोर पहाड़ को किस तरह से काटकर सुरंग बनाया गया और अंदर का दृश्य कैसा होगा की ललक में वहां से गुजरने वाले यात्री हर रोज देखने पहुंचते तो जरूर हैं पर नहर किनारे से ही उन्हे सुरक्षा का वास्ता देकर वापस कर दिया जाता है। मौके पर तैनात सुरक्षाकर्मियों के अनुसार अंदर विस्फोट का कार्य चलता रहता है जिस कारण सुरंग देखने का काम खतरे से खाली नहीं है। खुद भले ही सुरक्षा उपकरणों से दूर देखे जाते हो पर दूसरे लोगों को तो सुरक्षा कारणों से ही नजदीक तक फटकने नहीं देते हैं। इतना जरूर है कि सांसद, विधायक या प्रशासनिक अधिकारी जब कभी निरीक्षण का कार्यक्रम तैयार करते हैं तो उनके लिए कोई रोक-टोक नहीं रहती है।

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