महिला ने आत्महत्या चेन्नई में की, दहेज प्रताडऩा की एफआईआर जबलपुर में! - मुकदमे की सुनवाई पर रोक

महिला ने आत्महत्या चेन्नई में की, दहेज प्रताडऩा की एफआईआर जबलपुर में! - मुकदमे की सुनवाई पर रोक

Bhaskar Hindi
Update: 2019-11-22 09:33 GMT
महिला ने आत्महत्या चेन्नई में की, दहेज प्रताडऩा की एफआईआर जबलपुर में! - मुकदमे की सुनवाई पर रोक

डिजिटल डेस्क जबलपुर। एक महिला द्वारा चेन्नई में आत्महत्या करने के मामले में वहाँ की पुलिस द्वारा खात्मा रिपोर्ट पेश करने के बाद भी जबलपुर के कोतवाली थाने में दर्ज दहेज प्रताडऩा की एफआईआर को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। जस्टिस अंजुली पालो की एकलपीठ ने मामले को गंभीरता से लेते हुए निचली अदालत में लंबित मुकदमे की सुनवाई पर रोक लगा दी है।
चेन्नई पुलिस ने खात्मा रिपोर्ट फाइल कर दी
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करण के अनुसार जबलपुर निवासी तितिक्षा तिवारी का विवाह करमेता एसबीआई कॉलोनी निवासी नितिन शुक्ला के साथ 6 फरवरी 2013 को संपन्न हुआ था। नितिन शुक्ला चेन्नई में नौकरी करता था और शादी के बाद मार्च माह में तितिक्षा को अपने साथ लेकर चेन्नई चला गया था। 18 सितम्बर 2013 को तितिक्षा ने चेन्नई स्थित अपने घर पर फाँसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। इतना ही नहीं जिस दौरान उक्त घटना घटित हुई नितिन घर पर नहीं था और न ही मृतिका ने अपने सुसाइड नोट में किसी को जिम्मेदार ठहराया। नितिन शुक्ला के खिलाफ प्रकरण तो दर्ज हुआ, लेकिन बाद में कोई साक्ष्य न होने पर चेन्नई पुलिस ने 19 सितम्बर 2014 को खात्मा रिपोर्ट फाइल कर दी। मामले में आरोप है कि मृतका की माँ रश्मि तिवारी ने 4 दिसम्बर 2013 को जबलपुर के कोतवाली थाने में शिकायत दी, जिस पर तितिक्षा के पति नितिन, सास कल्पना शुक्ला के अलावा रिश्तेदार अनूप तिवारी व अतुल तिवारी के विरुद्ध 498, 304 बी और 3-4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम का प्रकरण दर्ज कर न्यायालय में चालान पेश किया गया। निचली अदालत में लंबित मामले को चुनौती देकर यह याचिका वर्ष 2017 में यह मामला अनूप तिवारी, अतुल तिवारी तथा श्रीमती कल्पना शुक्ला की ओर से दायर किया गया था। मामले पर गुरुवार को हुई सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने निचली अदालत में विचाराधीन मामले की सुनवाई पर रोक लगा दी। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता पंकज दुबे व राकेश शुक्ला पैरवी कर रहे हैं।
 

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