असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिए दिव्यांग उम्मीदवारों के पद घटाने का कदम गलत

 असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिए दिव्यांग उम्मीदवारों के पद घटाने का कदम गलत

Bhaskar Hindi
Update: 2020-04-30 10:22 GMT
 असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिए दिव्यांग उम्मीदवारों के पद घटाने का कदम गलत

डिजिटल डेस्क जबलपुर । एमपीपीएससी द्वारा असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों के लिए जारी पुनरीक्षित सूची में दिव्यांग उम्मीवारों की सीटें घटाए जाने के कदम को हाईकोर्ट ने नियमों के खिलाफ घोषित किया है। 23 याचिकाओं पर सुरक्षित रखा फैसला बुधवार को सुनाते हुए चीफ जस्टिस अजय कुमार मित्तल और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की बैंच ने पीएससी को कहा है कि कुल वैकेंसी की गणना करके दिव्यांग उम्मीदवारों का कोटा फिर से तैयार किया जाए। इसके बाद उनकी नियुक्तियों को लेकर विधि अनुसार कार्रवाई एक माह के भीतर की जाए।
युगलपीठ ने यह फैसला जबलपुर के संविदा शिक्षक शिवेन्द्र सिंह परिहार व 22 अन्य की याचिकाओं पर बुधवार को सुनाया। आवेदकों का कहना था कि वे दिव्यागों की श्रेणी में आते हैं और उन्होंने संबंधित विषयों के तहत असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर भर्ती के लिए आवेदन दिए थे। इन याचिकाओं में आरोप था कि 19 अगस्त 2019 को एमपीपीएससी ने संशोधित विज्ञापन जारी करके दिव्यांग उम्मीदवारों के लिए आरक्षित पदों को घटा दिया, जो अवैधानिक है। विगत 13 मार्च को अंतिम सुनवाई के बाद युगलपीठ ने इन मामलों पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
 

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