पिता ने कहा- मारो, बेटे ने पहले ईंट से हमला किया फिर चाकू घोंपकर की हत्या

पिता ने कहा- मारो, बेटे ने पहले ईंट से हमला किया फिर चाकू घोंपकर की हत्या

Bhaskar Hindi
Update: 2019-08-17 08:53 GMT
पिता ने कहा- मारो, बेटे ने पहले ईंट से हमला किया फिर चाकू घोंपकर की हत्या

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। रक्षाबंधन पर्व पर रांझी चम्पा नगर चौराहे के पास बीती रात करीब साढ़े 10 बजे पुरानी रंजिश को लेकर देवाशीष नामक युवक पर ईंट से हमला किया गया और फिर उसके पेट में चाकू मार दिया गया। 25 साल के देवाशीष को पहले रांझी अस्पताल ले जाया गया और वहां से निजी अस्पताल भेजा गया। डॉक्टरों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। इस मामले में आक्रोशित भीड़ ने शव रखकर थाने के सामने प्रदर्शन किया। प्रदर्शन करने वालों का आरोप था कि आरोपी हितेश दुबे को उसके पिता ओम प्रकाश दुबे ने ही उकसाया था। बाप ने घर की ऊपरी मंजिल से बेटे हितेश को कहा था कि मारो साले को। इस मामले में रांझी पुलिस द्वारा आरोपी हितेश को गिरफ्तार कर लिया गया है।

आरोपी के पिता ने ही हत्या के लिए उकसाया

प्रत्यक्षदर्शियों से मिली जानकारी के अनुसार आरोपी के पिता ने ही हत्या के लिए उकसाया था, लोगों ने थाने के सामने शव रखकर चकाजाम कर प्रदर्शन शुरू कर दिया। थाना प्रभारी मनजीत सिंह  ने आश्वासन दिया कि आरोपी के पिता के खिलाफ साक्ष्य  मिलने पर कार्रवाई की जायेगी इसके बाद मामला शांत हुआ। इस संबंध में मृतक के पिता प्रदीप चटर्जी ने बताया है कि उनके बेटे की संजीवनी नगर में दवा की दुकान है। यह दुकान पहले हितेश ने किराये पर ली थी। उसमें देवाशीष  को दवा दुकान पर बैठाया गया था। मकान मालिक को 50 हजार रुपये  देने को कहा गया था। बाद में उसने मात्र 20 हजार रुपये दिये थे। इसके कारण मकान मालिक ने देवाशीष से दुकान की चाबी वापस ले ली थी। इससे तीन  महीने  पहले हितेश नाराज हो गया था, इसके बाद जब देवाशीष ने खुद ही दवा  दुकान ले ली तो हितेश मारपीट पर उतर आया और उसने कई बार झगड़ा भी किया और जान से मारने की धमकी भी दी थी। 

ब्रेन हेमरेज से हुई मौत 

रक्षाबंधन की रात साढ़े 10 बजे चम्पा नगर चौक के पास  देवाशीष खड़ा हुआ था, तभी हितेश ने पहले तो देवाशीष से गाली-गलौज की और उसके पिता मारने के लिए घर से उसको कह रहे थे। इस पर   पहले उसने ईंट से हमला किया और फिर पेट में चाकू मारा। इस हमले से देवाशीष को सिर में घातक चोट आई और ब्रेन हेमरेज होने के कारण ही उसकी मौत हो गई। 

त्यौहार पर मातम 

रक्षाबंधन के लिए देवाशीष ने अपनी मुंहबोली बहनों से राखी बँधवाई थीं। उसके घरवालों को यह नहीं मालूम था कि यह उसकी आखिरी राखी होगी। जैसे ही रात में चटर्जी परिवार को खबर मिली कि देवाशीष की हत्या हो गई है। उसके परिजनों में मातम छा गया। किसी को विश्वास ही नहीं हुआ कि देवाशीष की हत्या की गई है।

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