युवा पुलिस अधिकारी की डेंगू से मौत, कोड रेड से मिली थी पहचान
युवा पुलिस अधिकारी की डेंगू से मौत, कोड रेड से मिली थी पहचान
डिजिटल डेस्क जबलपुर । छात्राओं की सुरक्षा के लिए गठित कोड रेड पुलिस से सुर्खियों में आए युवा एसआई अनुराग पंचेश्वर की डेंगू से शहर के एक निजी अस्पताल में मौत हो गई। अनुराग की मौत की खबर मिलते ही पुलिस मोहकमे में मातम छा गया। एसपी सहित बड़ी संख्या में पुलिस अधिकारी अस्पताल पहुंच गए। पोस्टमार्टम के बाद शव को उनके गृह जिले बालाघाट रवाना कर दिया गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार 29 वर्षीय अनुराग पंचेश्वर कोतवाली थाने की उखरी चौकी के प्रभारी थे। 11 नवंबर को उनकी ड्यूटी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यक्रम में थी। ड्यूटी से लौटने के बाद उनकी तबियत बिगड़ गई। 12 नवंबर को उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। चैकअप के बाद पता चला कि अनुराग को मलेरिया है। मलेरिया बिगडऩे से उन्हें डेंगू हो गया। उनके प्लेटलेट्स में लगातार गिरावट आ रही थी। गुरुवार रात उनकी तबियत ज्यादा बिगड़ गई। शुक्रवार सुबह उनकी मौत हो गई। अनुराग की मौत की खबर मिलते ही एसपी शशिकांत शुक्ला, एएसपी जीपी पाराशर, राजेश तिवारी, संजय साहू, संजीव उइके और संदीप मिश्रा अस्पताल पहुंच गए। मेडिकल में पोस्टमार्टम के बाद शव को दोपहर 3 बजे बालाघाट के लिए रवाना कर दिया गया।
कोड रेड से मिली पहचान- अनुराग के पिता दिलीप पंचेश्वर संजीवनी नगर थाने में एसआई हैं। पिता के पदचिन्हों पर चलते हुए अनुराग 2013 में एसआई के पद पर भर्ती हुआ था। उन्हें कोड रेड पुलिस के प्रभारी के तौर पर पहचान मिली। तत्कालीन एसपी एमएस सिकरवार ने कोड रेड पुलिस का गठन कर अनुराग को पहला प्रभारी बनाया था।
पिता बनने वाले थे अनुराग - अनुराग का विवाह एक साल पहले रजनी के साथ हुआ था। रजनी जल्द ही मां बनने वाली है। पिता बनने के पहले ही अनुराग ने दुनिया को अलविदा कह दिया। अनुराग का अंतिम संस्कार शनिवार को बालाघाट में किया गया ।
परिजनों में हुआ विवाद - अनुराग की तबियत बिगड़ते ही अनुराग के परिजनों और उसके ससुराल वालों के बीच विवाद हो गया। सूत्रों ने बताया कि अनुराग की मौत के लिए दोनों पक्ष एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराते रहे। पुलिस अधिकारियों की समझाइश के बाद विवाद शांत हुआ।