सीसीपीए ने पुणे और कानपुर के आईक्यूआरए आईएएस अकादमी पर लगाया जुर्माना

भ्रामक विज्ञापनों के लिए कार्रवाई

Anita Peddulwar
Update: 2023-08-29 13:50 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली । केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के उल्लंघन के मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए महाराष्ट्र के पुणे और उत्तरप्रदेश के कानपुर स्थित आईक्यूआरए (इकरा) आईएएस अकादमी के खिलाफ सख्त कदम उठाया है। प्राधिकरण ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में शीर्ष रैंक धारकों के गुमराह करने वाले विज्ञापनों के प्रदर्शन के लिए कार्रवाई करते हुए इकरा पर एक लाख रुपये का जुर्माना ठोका है।

दरअसल, इकरा आईएएस इन्स्टिट्यूट ने अपनी प्रतिष्ठा बढाने के लिए जानबूझकर और गलत तरीके से 2015-17 में यह दावा करते हुए यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में शीर्ष रैंक प्राप्त करने वाले उम्मीदवारों के प्रशंसात्मक विज्ञापन प्रसारित किए, जो उनके छात्र है। जबकि इकरा की स्थापना ही 2018 में हुई है। प्राधिकरण ने अपनी जांच में पाया कि इन्स्टिट्यूट ने सिविल सेवा परीक्षा में पहली रैंक प्राप्त करने वाली टीना डाबी (2015), अथर आमिर उल सफि खान (एआईआर-2, 2015), हिमांशु कौशिक (एआईआर-77, 2017) और सैफिन (एआईआर-570, 2017) के प्रशंसात्मक विज्ञापन प्रसारित किए, जिसमें उपभोक्ताओं को यह विश्वास दिलाया गया कि ऐसे सफल उम्मीदवार अपनी सफलता का श्रेय संस्थान को देते है।

इस झूठे दावे के साथ संस्थान ने खुद को सर्वश्रेष्ठ यूपीएससी ऑनलाइन प्रीविम्स टेस्ट सीरिज 2020 प्रदान करने वाला पूरे देश में एकमात्र सर्वश्रेष्ठ कोचिंग अकादमी बताया और इसी आधार पर पुणे में एक साल के भीतर ही यूपीएससी की कोचिंग देने वाली शीर्ष संस्थान बना दिया। तथ्यात्मक रूप से इस झूठे दावे और भ्रमित करने के लिए सीसीपीए की मुख्य आयुक्त निधि खरे और आयुक्त अनुपम मिश्रा ने मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए संस्थान को भ्रामक प्रशंसात्मक विज्ञापन की आड़ में झूठे दावों को बंद करने का आदेश जारी करते हुए एक लाख जुर्माना लगाया।

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