Makar Sankranti 2024: कब मनाई जाएगी मकर संक्रांति 14 जनवरी या 15 जनवरी? जानें सही तारीख और पुण्‍यकाल

  • 77 सालों बाद बन रहा है खास योग
  • सूर्यदेव की पूजा-अर्चना करना चाहिए
  • इस दिन दान- पुण्य का है खास महत्व

Manmohan Prajapati
Update: 2024-01-13 05:43 GMT

डिजिटल डेस्क, भोपाल। हिन्दू धर्म में सूर्य उपासना का अत्यधिक महत्व है और यह मकर संक्रांति के दिन और अधिक बढ़ जाता है। इस पर्व को पूरे देश में धमूधाम से मनाया जाता है। जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं तब ये त्‍योहार मनाया जाता है। इसलिए इस पर्व को उत्‍तरायण आदि नामों से भी जाना जाता है। हर वर्ष यह त्योहार 14 जनवरी को मनाया जाता है। वहीं कई बार तारीख को लेकर असमंजस की स्थिति भी बनती है, जो कि इस बार है।

ज्योतिषाचार्य के अनुसार, इस वर्ष मकर संक्रांति पर एक खास संयोग भी बन रहा है, जो कि 77 सालों के बाद आया है। इस पर्व पर 2024 में वरीयान योग और रवि योग का संयोग बन रहा है। यही नहीं इस दिन बुध और मंगल भी एक ही राशि धनु में विराजमान रहेंगे। कब मनाई जाएगी मकर संक्रांति और क्या है पुण्ययोग और मुहूर्त और क्या है पूजा विधि आइए जानते हैं...

कब मनाई जाएगी मकर संक्रांति

कई जगह यह यह पर्व रविवार 14 जनवरी तो कई जगह सोमवार 15 जनवरी को मनाए जाने की खबर है। लेकिन ज्योतिषाचार्य की मानें तो, इस वर्ष सूर्य 14 जनवरी रात 2 बजकर 54 मिनट पर मकर राशि में प्रवेश करेंगे। ऐसे में 15 जनवरी 2024 को उदयातिथि होने के कारण मकर संक्रांति सोमवार को ही मनाई जाएगी।

शुभ मुहूर्त

पुण्यकाल: 15 जनवरी सोमवार, सुबह 07 बजकर 15 मिनट से शाम 06 बजकर 21 मिनट तक

महा पुण्यकाल: 15 जनवरी सोमवार, सुबह 07 बजकर 15 मिनट से सुबह 09 बजकर 06 मिनट तक

वरीयान योग: 15 जनवरी सोमवार, सुबह 2 बजकर 40 मिनट से रात 11 बजकर 11 मिनट तक

रवि योग: 15 जनवरी सोमवार सुबह 07 बजकर 15 मिनट से सुबह 08 बजकर 07 मिनट तक रहेगा

पूजा व‍िध‍ि

इस दिन संक्रांति व्रत करना चाहिए।

इस दिन तिल को पानी में मिलाकार स्नान करना चाहिए।

यदि संभव हो तो गंगा स्नान करना चाहिए।

स्नान के बाद भगवान सूर्यदेव की पूजा-अर्चना करनी चाहिए।

मकर संक्रांति पर अपने पितरों का ध्यान और उन्हें तर्पण जरूर देना चाहिए।

दान-पुण्य का महत्व

मकर संक्रांति के पर्व पर शुभ मुहूर्त में दान-पुण्य का काफी महत्व है। इस दिन गुड़ का दान करना चाहिए। माना जाता है कि, ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और कुंडली में शनि दोष खत्म हो जाते हैं।

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

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