अशुभ माना गया है 'गणपति' के इस अंग का दर्शन, आती है दरिद्रता

अशुभ माना गया है 'गणपति' के इस अंग का दर्शन, आती है दरिद्रता

Bhaskar Hindi
Update: 2017-08-24 03:52 GMT
अशुभ माना गया है 'गणपति' के इस अंग का दर्शन, आती है दरिद्रता

डिजिटल डेस्क, इंदौर। इस साल गणेश उत्सव 25 अगस्त शुरू हो रहा है जो 5 सितंबर तक चलेगा। शास्त्रों के अनुसार भगवान गणेश का जन्म भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष को हुआ था। ये दस दिन बप्पा के पूजन के लिए बेहद अहम माने गए हैं। हम आपको गणेश पूजन से जुड़ी कुछ खास बातें बताने जा रहे हैं जिनका ध्यान रखने से गणपति बप्पा जल्दी ही प्रसन्न होते हैं।

शास्त्रों में कहा गया है कि गणेश जी के मुख का दर्शन करना अत्यंत मंगलमय होता है। वैसे तो बप्पा के प्रत्येक अंग का दर्शन शुभकारी बताया गया है, लेकिन बप्पा के अंग का एक ऐसा भी हिस्सा है जिसका दर्शन शुभ नहीं माना गया है। शास्त्रों के अनुसार गणपति बप्पा की पीठ के दर्शन करना शुभ नहीं माना जाता है। मान्यता है की उनकी पीठ के दर्शन करने से दरिद्रता आती हैए इसलिए पीठ के दर्शन नहीं करने चाहिए। अगर अनजाने में पीठ के दर्शन हो जाएं तो फिर मुख के दर्शन कर लेने से यह दोष समाप्त हो जाता है। 

किस अंग का क्या है महत्व ?

कानों में वैदिक ज्ञान
सूंड में धर्म
दाएं हाथ में वरदान
बाएं हाथ में अन्न 
पेट में सुख-समृद्धि 
नेत्रों में लक्ष्य 
नाभि में ब्रह्मांड
चरणों में सप्तलोक 
मस्तक में ब्रह्मलोक

जो कोई शुद्ध तन और मन से उनके इन अंगों के दर्शन करता है उसकी सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं। इसके अतिरिक्त आने वाली अड़चनों और संकटों से छुटकारा मिलता है। घर में सब शुभ और मंगल ही होता है। 

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