गुप्त नवरात्री 2021: आज इस विशेष संयोग में करें पूजा, जानें क्या है विधि और मुहूर्त

गुप्त नवरात्री 2021: आज इस विशेष संयोग में करें पूजा, जानें क्या है विधि और मुहूर्त

Manmohan Prajapati
Update: 2021-02-12 05:12 GMT
गुप्त नवरात्री 2021: आज इस विशेष संयोग में करें पूजा, जानें क्या है विधि और मुहूर्त

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए नवरात्रि का पर्व सबसे शुभ माना गया है। देवी भागवत के अनुसार वर्ष में चार बार नवरात्र आते हैं। पहले चैत्र नवरात्रि, दूसरे आषाढ़ नवरात्रि, तीसरी शारदीय नवरात्रि और चौथी मार्गशीर्ष नवरात्रि। इनमें से पहली चैत्र और तीसरी शारदीय नवरात्रि के बारे में ज्यादातर लोग जानते हैं। लेकिन इन दो के अलावा जो नवरात्रियां होती हैं उन्हें गुप्त नवरात्रि कहा जाता है। 

माघ मास के गुप्त नवरात्रि आज यानी 12 फरवरी से शुरू हो गए हैं। इन नौ दिनों में मां दु्र्गा की नौ शक्तियों और दसमहाविद्यायों की पूजा होती है। इस बार गुप्त नवरात्री 10 दिन चलेंगे। 21 फरवरी को गुप्त नवरात्रि का समापन होगा। आइए जानते हैं मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में...

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मुहूर्त
नवरात्रि शुरूः 12 फरवरी 2021 दिन शुक्रवार
नवरात्रि समाप्तः 21 फरवरी 2021 दिन रविवार
कलश स्थापना मुहूर्त: सुबह 08 बजकर 34 मिनट से 09 बजकर 59 मिनट तक।
अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12 बजकर 13 मिनट से 12 बजकर 58 मिनट तक। 

पूजा विधि
मान्यतानुसार गुप्त नवरात्र के दौरान भी पूजा अन्य नवरात्र की तरह ही करनी चाहिये। नौ दिनों तक व्रत का संकल्प लेते हुए प्रतिपदा को घटस्थापना कर प्रतिदिन सुबह शाम मां दुर्गा की पूजा की जाती है। अष्टमी या नवमी के दिन कन्याओं के पूजन के साथ व्रत का उद्यापन किया जाता है। वहीं तंत्र साधना वाले साधक इन दिनों में माता के नवरूपों की बजाय दस महाविद्याओं की साधना करते हैं। ये दस महाविद्याएं मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां ध्रूमावती, माता बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी हैं।

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दुर्गासप्तशती का करें पाठ
इन नौ दिनों में दुर्गासप्तशती का पाठ करना चाहिए। यदि इतना समय न हों तो सप्तश्लोकी दुर्गा का प्रतिदिन पाठ करें। देवी को प्रसन्न करने के लिए और साधना की पूर्णता के लिए नौ दिनों में लोभ, क्रोध, मोह, काम.वासना से दूर रहते हुए केवल देवी का ध्यान करना चाहिए। कन्याओं को भोजन कराएं, उन्हें यथाशक्ति दान.दक्षिणा, वस्त्र भेंट करें।

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