राशि अनुसार शरद पूर्णिमा पर करें ये उपाय, दोष होंगे दूर
राशि अनुसार शरद पूर्णिमा पर करें ये उपाय, दोष होंगे दूर
डिजिटल डेस्क, भोपाल। आश्विन मास में पड़ने वाली पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा या कोजगरी अमावस्या भी कहा जाता है। इस बार शरद पूर्णिमा 24 अक्टूबर 2018 को पड़ रही है। माना जाता है कि शरद पूर्णिमा की रात में चंद्रमा की विशेष किरणें अमृतमयी गुणों से युक्त रहती हैं, जो अनेक प्रकार के रोगों का नाश करती हैं। इसी कारण से शरद पूर्णिमा की रात को लोग अपने घर की छत पर खीर बनाकर रखते हैं। जिससे चंद्रमा की किरणें उस खीर के संपर्क में आती हैं और उसके बाद उस खीर का सेवन किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा की किरणों में अमृत होता है।
शरद पूर्णिमा के अवसर पर आपकी राशि में अपूर्ण चंद्रोदय होगा।
इसलिए आप सुख, ऐश्वर्य और धन की प्राप्ति के लिए ब्राह्मणों को भोजन करवाएं तो बहुत लाभ होगा। शरद पूर्णिमा पर ताम्बे के बर्तन में चावल भरकर किसी ब्राह्मण को दान करने और साथ में दक्षिणा भी देने से बहुत पुण्य की प्राप्ति होती है और धन लाभ की प्रबल संभावना बनती है। इस दिन ब्राह्मण को खीर, कपड़े आदि का दान भी करना बहुत शुभ रहता है।
कुंभ राशि के लोगों का राशि स्वामी शनि है। इसलिए इस पर्व पर शनि के उपाय करें तो विशेष लाभ मिलेगा। आप दृष्टिहीन या अंगहीन व्यक्ति को भोजन करवाएं तो काम में सफलता प्राप्त होगी। शरद पूर्णिमा के दिन माता अष्ट लक्ष्मी की तस्वीर लेकर उसपर केसर का तिलक करके कमल चढ़ाकर महालक्ष्मी अष्टकम पढ़ें। इस उपाय से कुंडली में चाहे जैसा भी योग हो महालक्ष्मी अपने भक्त को जीवन में अचल ऐश्वर्य प्रदान करती हैं।
मकर राशि का स्वामी शनि है। गुरु आपकी राशि से अष्टम राशि में है जो कि अशुभ है। आप बहते पानी में चावल बहाएं। इस उपाय से आपकी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं। शरद पूर्णिमा पर महालक्ष्मी को खीर, छुहारे की खीर, मेवे की खीर का भोग लगाएं। गाय के दूध में महालक्ष्मी का वास है, इसलिए उन्हें खीर बहुत प्रिय है।
धनु राशि का स्वामी गुरु है। इस समय गुरु वृश्चिक राशि में है और गुरु की दृष्टि चंद्रमा पर रहेगी। इसलिए इस राशि वालों को शरद पूर्णिमा के अवसर पर किए गए दान का पूरा फल मिलेगा। चने की दाल पीले कपड़े में रखकर मंदिर में दान दें। शरद पूर्णिमा को आंवला की पूजा से भी लक्ष्मी का घर में प्रवेश होता है। चांदनी रात में रखे आंवले में औषधीय शक्ति भी आती है।
वृश्चिक राशि में चंद्रमा नीच का होता है। सुख-शांति और संपन्नता के लिए वृश्चिक राशि वाले लोग अपनी राशि के स्वामी मंगल देव से संबंधित वस्तु और कन्याओं को दूध व चांदी का दान दें। शरद पूर्णिमा पर मोती शंख पर केसर से स्वास्तिक बनाएं 108 अक्षत लेकर एक एक अक्षत महालक्ष्मी मंत्र बोलकर चढ़ाएं फिर चढ़ाये गए उन अक्षत को लाल कपड़े में बांधकर अपनी तिजोरी या धन रखने वाले स्थान में रखें।
मंत्र - ॐ श्रीं ॐ ॐ ह्रीं ॐ महालक्ष्मयै नम :
चावल चंद्रमा का प्रतीक और शंख लक्ष्मी स्वरुप है। ये उपाय रात्री 9 बजे से लेकर रात्री 12:30 तक करना चाहिए।
तुला राशि वालों पर शुक्र का विशेष प्रभाव होता है। तुला राशि के लोग धन और ऐश्वर्य के लिए धार्मिक स्थानों, मंदिरों आदि पर दूध, चावल व शुद्ध घी का दान दें। शरद पूर्णिमा पर घर में लक्ष्मी जी के स्थायी निवास के लिए, पूर्णिमा की शाम से लेकर सुबह तक अखंड दीप जलाएं। चंद्रलोक में मां लक्ष्मी दीप रुप में विराजमान हैं। अखंड दीप के प्रकाश से माता लक्ष्मी स्वतः चली आएंगी।
कन्या राशि वाले शरद पूर्णिमा के पवित्र पर्व पर आपको अपनी राशि के अनुसार 3 से 10 वर्ष तक की कन्याओं को भोजन में खीर खिलाना विशेष लाभदायक रहेगा। शरद पूर्णिमा की रात्री लक्ष्मी जी के छोटे नारियल की पूजा करके उसे पूजा स्थान पर स्थापित करें। अष्टलक्ष्मी पर 8 कमल पुष्प चढ़ाकर महालक्ष्मी अष्टकम का पाठ करने से भी माता लक्ष्मी निर्धनों के जीवन में प्रवेश करती हैं।
सिंह राशि का स्वामी सूर्य है। शरद पूर्णिमा के अवसर पर धन प्राप्ति के लिए मंदिर में गुड़ का दान करें तो आपकी आर्थिक स्थिति में परिवर्तन और लाभ हो सकता है। शरद पूर्णिमा को लक्ष्मी सहस्त्रनाम, लक्ष्मी अष्टोत्र नावामली, सिद्धिलक्ष्मी कवच, श्रीसूक्त, लक्ष्मी सूक्त, महालक्ष्मी कवच, कनकधारा के पाठ से आपको माता लक्ष्मी की कृपा मिलेगी।
कर्क राशि का स्वामी चंद्रमा ही होता है और ये मन का स्वामी भी है। इसलिए आपको तनाव मुक्त और प्रसन्न रहने के लिए मिश्री मिला हुआ दूध मंदिर में दान करना चाहिए। शरद पूर्णिमा दक्षिणावर्ती शंख से मां लक्ष्मी का अभिषेक करें और धूप, दीप, फूल से पूजा करें, दक्षिणावर्ती शंख भी पूर्णिमा के दिन ही प्रकट हुआ था। श्रीसूक्त का पाठ करने से भी धन मिलता है।
मिथुन राशि का स्वामी बुध है जो चंद्रमा के साथ मिलकर आपके व्यापारिक एवं कार्य क्षेत्र के निर्णयों को प्रभावित करता है। मिथुन राशि वाले अपनी उन्नति के लिए दूध और चावल का दान करें तो बहुत उत्तम रहेगा। शरद पूर्णिमा की रात्री लक्ष्मी जी के छोटे नारियल की पूजा करके उसे पूजा स्थान पर स्थापित करें। अष्ट लक्ष्मी पर 8 कमल पुष्प चढ़ाकर महालक्ष्मी अष्टकम का पाठ करने से भी माता लक्ष्मी निर्धनों के जीवन में प्रवेश करती हैं।
वृषभ राशि में चंद्रमा उच्च का होता है। वृषभ राशि शुक्र की राशि है और राशि स्वामी शुक्र देव प्रसन्न होने पर भौतिक सुख-सुविधाएं प्रदान करते हैं। शुक्र देवता को प्रसन्न करने के लिए वृषभ राशि के लोग दही और गाय का घी मंदिर में दान करें। शरद पूर्णिमा पर घर में लक्ष्मी के स्थायी निवास के लिए, पूर्णिमा की शाम से लेकर सुबह तक अखंड दीप जलाएं। चंद्रलोक में मां लक्ष्मी दीप रुप में विराजमान हैं। अखंड दीप के प्रकाश से माता लक्ष्मी स्वतः चली आएंगी।
ज्योतिष के अनुसार चंद्रमा मन का कारक होता है। चंद्रमा का प्रभाव विभिन्न राशियों पर अलग-अलग पड़ता है। शरद पूर्णिमा पर आप अपनी राशि अनुसार उपाय करने से चंद्रमा से संबंधी और अन्य उपाय कर भाग्य के दोष को दूर कर सकते हैं और बिगड़े काम बना सकते हैं।
शरद पूर्णिमा पर मेष राशि के लोग कन्याओं को खीर खिलाएं और चावल को दूध में धोकर बहते पानी में बहाएं। ये काम करने से मेष राशि वाले अपने सारे कष्ट दूर कर सकते हैं। शरद पूर्णिमा पर मोती शंख पर केसर से स्वास्तिक बनाएं 108 अक्षत लेकर एक एक अक्षत महालक्ष्मी मंत्र बोलकर चढ़ाएं फिर चढ़ाए गए उन अक्षत को लाल कपड़े में बांधकर अपनी तिजोरी या धन रखने वाले स्थान में रखें।
मंत्र - ॐ श्रीं ॐ ॐ ह्रीं ॐ महालक्ष्मयै नम :
चावल चंद्रमा का प्रतीक और शंख लक्ष्मी स्वरुप है। ये उपाय रात्री 9 बजे से लेकर रात्री 12:30 बजे तक करना चाहिए।