वैशाख मास: इस माह में करें पवित्र नदी में स्नान, मिलेंगे ये पुण्यफल

वैशाख मास: इस माह में करें पवित्र नदी में स्नान, मिलेंगे ये पुण्यफल

Manmohan Prajapati
Update: 2020-04-08 12:03 GMT
वैशाख मास: इस माह में करें पवित्र नदी में स्नान, मिलेंगे ये पुण्यफल

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू-धर्म में वैशाख (बैसाख) मास का विशेष महत्व है, इसे एक पवित्र माह के रूप में माना जाता है। इस वर्ष वैशाख माह 08 अप्रैल 2020 से शुरू होकर 07 मई 2020 तक रहेगा। विशाखा नक्षत्र से सम्बन्ध होने के कारण इसका नाम वैशाख पड़ा। इस मास में व्रत, पूजा,दान, करने एवं किसी पवित्र नदी या सरोवर में स्नान करने का लाभ मिलता है। 

स्कंदपुराण के अनुसार वैशाख मास को सभी मासों में उत्तम दर्शाया गया है। बता दें चैत्र शुक्ल पूर्णिमा से वैशाख मास स्नान आरंभ हो जाता है। यह स्नान पूरे वैशाख मास तक चलता है। आइए जानते हैं इस माह के बारे में...

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मान्यता और महत्व
कहा जाता है कि वैशाख मास भगवान विष्णु को प्रसन्न करने वाला मास है। इस मास में जो सूर्योदय से पहले स्नान करता है, उससे भगवान विष्णु सदा प्रेम करते हैं। वैशाख मास में विशेष रूप से इस अवसर पर पवित्र सरिताओं में स्नान की आज्ञा दी गई है। इस सम्बन्ध में पद्म पुराण का कथन है कि वैशाख मास में प्रात: स्नान का महत्त्व अश्वमेध यज्ञ के समान है।

इस महीने में भगवान विष्णु, परशुराम और देवी की उपासना विशेष रूप से की जाती। मान्यता के अनुसार, इस माह विधि विधान से पूजा करने पर धन और पुण्य की प्राप्ति होती है। पूरे साल में केवल एक बार इसी महीने श्री बांके बिहारी जी के चरण दर्शन होते हैं। 

भगवान विष्णु की मिलती है कृपा
माना जाता है कि पाप तभी तक कष्ट देते हैं, जब तक मनुष्य वैशाख मास में प्रातः काल जल में स्नान नहीं करता। वैशाख माह में सब तीर्थ, देवता आदि बाहर के जल अर्थार्त सामन्य नदी तालाबों में भी सदैव स्थित रहते हैं। इस वैशाख मास में सूर्योदय से पहले जो व्यक्ति स्नान करता है तथा व्रत रखता है, वह भगवान विष्णु का कृपापात्र होता है।  

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स्कंदपुराण में उल्लेख है कि महीरथ नामक राजा ने केवल वैशाख स्नान से ही वैकुण्ठधाम प्राप्त किया था। इस मास में व्रती को प्रतिदिन प्रात:काल सूर्योदय से पूर्व किसी तीर्थस्थान, सरोवर, नदी या कुएं पर जाकर अथवा घर में ही स्नान करना चाहिए। 

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