वर्ल्ड में सिख 'टर्बन डे' की धूम, रंग-बिरंगी पगड़ियां बांधकर युवाओं ने ली सेल्फी
वर्ल्ड में सिख 'टर्बन डे' की धूम, रंग-बिरंगी पगड़ियां बांधकर युवाओं ने ली सेल्फी
@तजिन्दर सिंघ
डिजिटल डेस्क, अमृतसर। हर साल की तरह इस साल भी 13 अप्रैल को सिख दस्तार (पगड़ी) दिवस पूरे उल्लास के साथ मनाया गया। इस दौरान पगड़ी बांधकर सेल्फी लेने का क्रेज युवाओं के सिर चढ़कर बोलता दिखा। अमृतसर के ऐतिहासिक सारागढ़ी चौंक पर अकाल पुरख की फौज के बैनर तले 300 से ज्यादा युवाओं ने युवकों को पगड़ी बांधनी सिखाई, इस दौरान 200 से ज्यादा युवकों ने पगड़ी बंधवाई, साथ ही आहवान किया कि वे अब बिना पगड़ी के ना तो वाहन चलाएंगे और ना ही अपनी संस्कृति से दूर रहेंगे।
इस मौके पर तखत दमदमा साहिब के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी केवल सिंघ, वरिष्ठ सदस्य कुलजीत सिंघ एवं संस्था के अध्यक्ष एडवोकेट जसविन्दर सिंघ भी मौजूद थे। जसविन्दर सिंघ ने अपील की कि युवाओं को अपने इतिहास के प्रति जागरुक होना चाहिए। इसके अलावा शहर के कई हिस्सों में इस तरह पगड़ी बंधवाने के बूथ लगाए गए। जहां सैंकड़ों की तादाद में युवओं ने पगड़ियां बंधवाईं। खासकर फोटो फ्रेम में तस्वीरों खींचकर सोशल मीडिया पर जमकर ट्रेंड की।
ओडिशा में सेल्फी क्रेज
सेल्फी क्रेज अमृतसर ही नहीं बलकि ओडिशा तक छाया रहा। संभलपुर से सुरजीत सिंघ ने बताया कि सिख काउंसिल की ओर से टर्बन डे मनाया गया। इस मौके पर सिखों के अलावा 800 रहवासियों ने पगड़ी बंधवाई। इसके लिए वहां एक बूथ बनाया गया था। जहां 40 कार्यकर्ताओं ने लोगों को पगड़ी की अहमियत बताई। उन्हें बताया गया कि पगड़ी सिखों के सिर का ताज होती है।
पगड़ी बंधवाने आए लोगों ने खूब सेल्फी खींची। साथ ही अपनी तस्वीरों को सहेज लिया। लोगों को पगड़ी बांधकर सरदार बनना अच्छा लगा। युवाओं ने गौरव महसूस किया।
टाइम्स स्क्वायर पर बना विश्व रिकॉर्ड
उधर हाल ही में अमेरिका के सिख संगठन ने कुछ घंटों में हजारों पगड़ियां बांधने का विश्व रिकॉर्ड बनाया। न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वायर में सालाना पगड़ी दिवस के मौके पर आपनी सदभाव को बढ़ाने के लिए हजारों लोगों ने पगड़ियां बंधवाई। खालसा जन्म दिवस यानी वैसाखी के मौके पर दुनियाभर में खास आयोजन किए जा रहे हैं। पगड़ी दिवस इनमें खास आयोजन रहा। इस दौरान सबसे अधिक पगड़ी बांधने के लिए विश्व रिकॉर्ड स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया था।
भोपाल में बनेगा म्यूजियम
इससे पहले मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में खासला यूथ विंग ने गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, टीटी नगर के साथ एक खास कार्यक्रम का आयोजन किया। जिसमें सेनिमार रखा गया था। जिसका विषय “जिन प्रेम कियों तिन ही प्रभ पायो” था। इस दौरान इतिहार से जानकार डॉ. सुमेल सिंघ एवं पद्मभूषण डॉ ज्ञान चतुर्वेदी शामिल हुए थे। जिन्होंने सिख इतिहार से जुड़े कई महत्वपूर्ण तथ्यों पर प्रकाश डाला था। इसके अलावा महापौर आलोक शर्मा ने तीन करोड़ की लागत से गुरु तेग बहादुर म्यूजियम बनाने की घोषणा की थी।
खालसा पंथ की स्थापना
13 अप्रैल 1699 को दसवें गुरु गोविंद सिंघजी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी। खालसा पंथ की स्थापना का लक्ष्य धर्म और नेकी के लिए सदैव तत्पर रहने का था। सामाजिक भेदभाव दूर करने का था। यह सिखों का बड़ा त्यौहार है। गुरु गोबिन्द सिंघजी महाराज ने शक्ति और भक्ति को एक रूप कर अमृतपान कराया था। जिसके बाद उन्होंने मानवाधिकारों की रक्षा के लिए खालसा पंथ की स्थापनी की, साथ ही आह्वान किया कि ना ही जुल्म सहन करना है, ना ही होने देना है।