यहां प्रकट हुए थे श्री हरि, सिर्फ रक्षाबंधन पर होती है इस मंदिर में पूजा

यहां प्रकट हुए थे श्री हरि, सिर्फ रक्षाबंधन पर होती है इस मंदिर में पूजा

Bhaskar Hindi
Update: 2017-08-06 07:27 GMT
यहां प्रकट हुए थे श्री हरि, सिर्फ रक्षाबंधन पर होती है इस मंदिर में पूजा


डिजिटल डेस्क, देहरादून। रक्षाबंधन को लेकर अनेक मान्यताएं हैं। आज हम आपको एक ऐसे मंदिर की ओर ले जा रहे हैं, जो सिर्फ रक्षाबंधन पर ही खुलता है। ये मंदिर है देवभूमि उत्तराखंड में। चमोली जिले में स्थित यह मंदिर वंशीनारायण मंदिर नाम से जाना जाता है। 

पुरातन मान्यता के अनुसार यहां कन्याएं और विवाहित स्त्रियां भगवान वंशीनारायण को राखी बांधने के बाद ही अपने र्भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं। इसके बाद सूर्यास्त होते ही इस मंदिर के कपाट फिर एक वर्ष के लिए बंद कर दिए जाते हैं।

चतुर्भुज मूर्ति
मंदिर तक पहुंचने का मार्ग बेहद कठिन है। यहां जाने के लिए करीब 12 किमी का पैदल और जटिल मार्ग पार करना पड़ता है। 10 फुट ऊंचे इस मंदिर में भगवान की चतुर्भुज मूर्ति विराजमान है। स्थानीय लोगों का मानना है कि यहां भगवान को राखी बांधने से स्वयं श्रीहरि रक्षा करने के लिए आते हैं। 

भगवान बने द्वारपाल
इस मंदिर को लेकर एक कथा भी प्रचलित है। कहा जाता है कि एक बार वामन अवतार धारण कर भगवान विष्णु ने दानवीर राजा बलि को पाताल लोक भेज दिया था। राजा बलि की भक्ति से प्रसन्न होकर श्रीहरि विष्णु स्वयं पाताल लोक में राजा बलि के द्वारपाल बन गए। उन्हें मुक्त कराने के लिए माता लक्ष्मी पाताल लोक पहुंचीं और राजा बलि को राखी बांधकर भगवान को मुक्त कराया।

सिर्फ एक दिन पूजा
कहा जाता है कि पाताल लोक से भगवान श्रीहरि यहीं प्रकट हुए। इस मंदिर में सालभर में सिर्फ रक्षाबंधन के दिन ही पूजा होती है। इस दिन हजारों की संख्या में भक्त पूजन के लिए आते हैं। 

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