सीबीएसई स्कूलों में शुरू होगा बेस्ट बडी काॅन्सेप्ट, नए स्टूडेंट्स को मिलेगा लाभ

सीबीएसई स्कूलों में शुरू होगा बेस्ट बडी काॅन्सेप्ट, नए स्टूडेंट्स को मिलेगा लाभ

Anita Peddulwar
Update: 2019-05-16 09:57 GMT
सीबीएसई स्कूलों में शुरू होगा बेस्ट बडी काॅन्सेप्ट, नए स्टूडेंट्स को मिलेगा लाभ

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  स्टूडेंट्स की सहायता के लिए अब बेस्ट बडी पेयर बनाए जाएंगे। नए शिक्षण सत्र से सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) से मान्यता प्राप्त स्कूलों में इसकी शुरुआत की जा रही है। इसमें सीनियर और एडमिशन लेने वाले छात्रों का एक-एक पेयर बनाया जाएगा। इस तरह सीनियर, जूनियर स्टूडेंट का बेस्ट बडी बनेगा और सालभर उसकी मदद करेगा।  इस कॉन्सेप्ट की मदद से बच्चों को आपस में घुलने-मिलने का मौका मिलेगा और नए बच्चे स्कूल में असहज महसूस नहीं करेंगे। इस कॉन्सेप्ट के तहत सीनियर स्टूडेंट्स एडमिशन लेने वाले छात्रों की क्लास रूम एक्टिविटी, स्पोर्ट्स, हॉबी क्लासेस, कैंटीन, लाइब्रेरी, स्टडी और एग्जाम में उनकी समस्याओं का समाधान करेंगे। 

अभिभावक-शिक्षकों में सामंजस्य सबसे जरूरी 
पैरेंट्स और टीचर्स में सामंजस्य बुलिंग रोकने में काफी सहायक है। जरूरी है कि, दोनों आपस में संपर्क में रहें और बच्चे के व्यवहार का आकलन कर समस्या को समझने की कोशिश करें। बच्चा अगर कुछ कहता है, तो उसे ध्यान से सुनें और उसकी बात को गंभीरता से समझने की कोशिश करें। माता-पिता पता लगाएं कि, बच्चे की क्लास का कोई सीनियर या हम उम्र बच्चा उसे परेशान तो नहीं करता है।

देशभर के कई स्कूलों में बेस्ट बडी पेयर का कॉन्सेप्ट शुरू हुआ है, इसे देखते हुए इसे लिया गया है। उन स्कूलों में किस तरह कार्य किया जाता है, इसका भी ध्यान रखा जाएगा। खेल के मैदान से लेकर स्कूल की क्लास रूम तक बच्चे अमूमन बुलिंग का शिकार हो जाते हैं। बुलिंग के शिकार बच्चों की पढ़ाई और उनके व्यवहार में बदलाव साफ तौर पर देखा जा सकता है। किसी एक व्यक्ति या समूह द्वारा बार-बार और जान-बूझकर ऐसे शब्दों का प्रयोग या बिहेवियर, जो किसी अन्य व्यक्ति को परेशान करने के लिए किया जाता है, बुलिंग कहलाता है। बुलिंग शारीरिक और मानसिक दोनों ही तरह की होती है। 

सीनियर्स को देंगे जानकारी 
बडी के रूप में विद्यार्थी किस तरह नए छात्र का सहयोग कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें जानकारी भी दी जाएगी। इसके लिए शिक्षक चुनिंदा छात्रों की मदद करेंगे। प्रशिक्षण का मॉड्यूल भी तैयार कर लिया गया है। इसमें बताया जाएगा कि, वह किस तरह क्लास, ग्राउंड और लाइब्रेरी में छात्र की मदद करें। इसके लिए कार्य करने का तरीका भी बताया जाएगा।

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