छात्र और अभिभावक नीट हेल्पलाइन को लेकर उत्साहित
तमिलनाडु छात्र और अभिभावक नीट हेल्पलाइन को लेकर उत्साहित
- तमिलनाडु के छात्र और अभिभावक नीट हेल्पलाइन को लेकर उत्साहित
डिजिडल डेस्क, चेन्नई। नीट परीक्षा देने वाले छात्र और उनके माता-पिता तमिलनाडु सरकार द्वारा नीट देने वालों के लिए तनाव राहत के लिए हेल्पलाइन शुरू करने के पहल से उत्साहित हैं। हेल्पलाइन 104 की शुरूआत बुधवार को हुई है। कांचीपुरम से नीट की परीक्षा देने वाली 18 वर्षीय दिव्या रानी ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, मुझे हेल्पलाइन से फोन आया और काउंसलर ने मुझे चिंता न करने के लिए कहा और मुझे स्वस्थ मानसिक स्थिति में रहने के लिए कई टिप्स दिए।
उन्होंने मुझे कहा कि परिणाम के बारे में चिंता न करने के लिए और नीट की तैयारी करने पर मुझे बधाई दी। मेरे कई सहपाठियों को भी फोन आए हैं और सरकार की पहल से खुश हैं। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मा सुब्रमण्यम ने नीट के लिए उपस्थित होने वाले छात्रों के लिए एक तनाव प्रबंधन परामर्श सेवा शुरू की है। नीट में फेल होने के डर से कथित तौर पर तीन छात्रों के आत्महत्या करने के बाद चेन्नई के डीएमएस कैंपस में 104 हेल्पलाइन सेंटर में यह सेवा शुरू की है।
मा सुब्रमण्यम ने आईएएनएस को बताया, स्वास्थ्य विभाग ने राज्य के उन सभी 1.2 लाख छात्रों का विवरण एकत्र किया है जिन्होंने नीट परीक्षा दी है और काउंसलर उनसे सीधे बात करेंगे। छात्रों को बताया जाएगा कि परीक्षा ही सब कुछ नहीं है और वे फिर से कर सकते हैं। परीक्षा लिखें और सफल हो सकते हैं। मंत्री ने कहा कि 10 से 15 दिनों के समय में राज्य के कुल 1.2 लाख छात्रों को कवर किया जाएगा।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा कि छात्रों को जिलेवार वगीर्कृत किया गया और संबंधित जिला स्तर के अधिकारियों के साथ उनकी संख्या साझा की गई। राज्य भर के जिला युद्ध कक्षों, सरकारी मेडिकल कॉलेजों और मुख्यालयों के अस्पतालों के 333 काउंसलर छात्रों से संपर्क करेंगे। और उनकी अनुमति लेने के बाद कम से कम पांच मिनट तक उनसे बात करेंगे।
चेन्नई में हेल्पलाइन सेंटर के एक काउंसलर ने आईएएनएस को बताया, हमने बड़ी संख्या में छात्रों से बात की और उनमें से लगभग 40 प्रतिशत ने कहा कि वे परिणामों से प्रभावित हैं। हमने उन्हें विश्वास दिलाया कि यदि वे क्वालिफाई नहीं करते हैं, उन्हें एक और मौका मिलेगा और करियर के अन्य विकल्प भी हैं। 104 हेल्पलाइन काउंसलर के अनुसार कई छात्रों ने कहा कि उन्हें डर था कि उनके माता-पिता उनके प्रदर्शन से नाखुश होंगे और इसलिए वे चिंतित थे।
(आईएएनएस)