34 बॉलीवुड निर्माताओं, निकायों की याचिका पर
34 बॉलीवुड निर्माताओं, निकायों की याचिका पर
- 34 बॉलीवुड निर्माताओं
- निकायों की याचिका पर
नई दिल्ली, 8 नवंबर (आईएएनएस)। दिल्ली उच्च न्यायालय सोमवार को रिपब्लिक टीवी और टाइम्स नाउ चैनल पर संयम बरतने और उसे गैरजिम्मेदार, अपमानजनक सामग्री प्रसारित करने से रोकने के लिए 4 बॉलीवुड निकायों और 34 निर्माताओं की याचिका पर सुनवाई करेगा।
यह मामला जस्टिस राजीव शंखदार की अदालत में सुना जाना है। याचिका में समाचार चैनलों को बॉलीवुड हस्तियों का मीडिया ट्रायल करने और गोपनीयता के उनके अधिकार में हस्तक्षेप करने से भी रोकने की भी मांग की गई है। यह भी आग्रह किया गया है कि यह केबल टेलीविजन नेटवर्क नियम, 1994 के तहत प्रोग्राम कोड का पालन करें और बॉलीवुड के खिलाफ उनके द्वारा प्रकाशित की गई सभी अपमानजनक सामग्री को वापस लें।
यह अनुरोध करते हुए चैनलों में बॉलीवुड के लिए उपयोग किए गए शब्दों का भी हवाला दिया गया है।
इस याचिका में प्रोड्यूसर्स गिल्ड ऑफ इंडिया, सिने एंड टीवी आर्टिस्ट एसोसिएशन, फिल्म एंड टीवी प्रोड्यूसर्स काउंसिल और स्क्रीनराइटर एसोसिएशन शामिल हैं।
इसके अलावा 34 प्रोडक्शन हाउसों में आमिर खान प्रोडक्शंस, एड-लैब्स फिल्म्स, अजय देवगन फफलिम्स, आंदोलन फिल्म्स, अनिल कपूर फिल्म एंड कम्युनिकेशन नेटवर्क, अरबाज खान प्रोडक्शंस, आशुतोष गोवारीकर प्रोडक्शंस, बीएसके नेटवर्क एंड एंटरटेनमेंट, केप ऑफ गुड फिल्म्स, क्लीन स्लेट फिल्म्स, धर्मा प्रोडक्शंस, एम्मे एंटरटेनमेंट एंड मोशन पिक्चर्स, एक्सेल एंटरटेनमेंट, फिल्मक्राफ्ट प्रोडक्शंस, होप प्रोडक्शन, कबीर खान फिल्म्स, लव फिल्म्स, मैकगफिन पिक्चर्स, नाडियाडवाला ग्रैंडसन एंटरटेनमेंट, वन इंडिया स्टोरीज, आरएस एंटरटेनमेंट, राकेश ओमप्रकाश मेहरा पिक्चर्स, रेड चिलीज एंटरटेनमेंट, रिलायंस बिग एंटरटेनमेंट, रील लाइफ प्रोडक्शंस, रोहित शेट्टी पिक्चर्स, रॉय कपूर प्रोडक्शंस, सलमान खान वेंचर्स, सोहेल खान प्रोडक्शंस, सिख्या एंटरटेनमेंट, टाइगर बेबी डिजिटल, विनोद चोपड़ा फिल्म्स, विशाल भारद्वाज फिल्म, यशराज फिल्म्स हैं।
अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत पर की गई रिपोर्टिग का हवाला देते हुए याचिकाकर्ताओंमें कहा गया है कि हालांकि वे मामले की जांच की मीडिया रिपोर्ट को प्रतिबंधित करने की मांग कोर्ट से नहीं करना चाहते हैं, लेकिन वे चैनलों द्वारा किए गए नियमों के उल्लंघनों के खिलाफ एक अनिवार्य निषेधाज्ञा चाहते हैं। याचिकाकर्ताओं की ओर डीएसके लीगल ने मुकदमा दायर किया है।
एसडीजे/एसजीके