National Film Awards : विनोद खन्ना को मिला मरणोपरांत दादा साहेब फाल्के अवार्ड

National Film Awards : विनोद खन्ना को मिला मरणोपरांत दादा साहेब फाल्के अवार्ड

Bhaskar Hindi
Update: 2018-05-03 15:04 GMT
हाईलाइट
  • यह सम्मान उन्हें मरणोपरांत दिया गया।
  • अपने पिता के स्थान पर अक्षय खन्ना ने अवार्ड लिया।
  • राजनेता विनोद खन्ना को दादा साहब फाल्के अवार्ड से सम्मानित किया गया है।

डिजिटल डेस्क, मुंबई. अपने समय के दिग्गज अभिनेता और राजनेता विनोद खन्ना को दादा साहब फाल्के अवार्ड से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान उन्हें मरणोपरांत दिया गया। अपने पिता के स्थान पर अक्षय खन्ना ने अवार्ड लिया।  इस अवसर पर उनके बेटे अक्षय खन्ना ने कहा की "मैं उन्हें बहुत याद कर रहा हूं, यह हमारे लिए बहुत ही भावुक क्षण है, काश मेरे पिता यह सम्मान प्राप्त करने हमारे साथ होते"। 

बॉलीवुड का साथ नहीं छोड़ा

70 वर्ष की उम्र में विनोद खन्ना ने पिछले साल अप्रैल में कैंसर से लड़ते हुए दुनिया को अलविदा कह दिया, लेकिन उन्होंने अंत तक फिल्मों का साथ नहीं छोड़ा। उन्होंने अपना अंतिम किरदार फिल्म 2015 में आयी फिल्म दिलवाले में निभाया था, जिसमे शाहरुख खान मुख्य स्टार थे। 6 अक्टूबर 1946 में जन्मे विनोद खन्ना ने बॉलीवुड में अलग मुकाम हासिल किया। पढ़ाई के दौरान उनपर सुनील दत्त की नजर पड़ी और 1968 में विनोद खन्ना ने उनकी फिल्म "मन के मीत" से अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत की।

अपने लुक्स और हीरो के तौर पर पहचाने जाने वाले विनोद ने अपनी पहली फिल्म में विलन का किरदार निभाया था। इसके बाद उन्हें बतौर हीरो ब्रेक 1971 में आयी फिल्म "हम तुम और वो" से मिला। विनोद खन्ना का करियर जब परवान चढ़ रहा था तब, अचानक उन्होंने 1986 में बड़े परदे को कुछ समय के लिए अलविदा कह दिया और आध्यात्म गुरु रजनीश ओशो की शरण में चले गए। लगभग 5 साल बाद उन्होंने 1987 में फिल्म इन्साफ से सिने जगत में वापसी की। उन्होंने 1975 और 1999 में फिल्मफेयर पुरूस्कार अपने नाम किया।

राजनीति में भी बड़ा नाम थे विनोद खन्ना
1997  में विनोद खन्ना ने अपनी राजनीती पारी की शुरुआत की, वे भारतीय जनता पार्टी के साथ जुड़ गए 1998 से 2009 तक और 2014 से 17 तक गुरदासपुर से विधायक रहे। अटल विहारी वाजपयी की सरकार में उन्हें संस्कृति और पर्यटन मंत्री बनाया गया।

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