ऐसा क्या कह गए अमोल पालेकर कि मॉडरेटर ने भरी सभा में बोलने से रोका

ऐसा क्या कह गए अमोल पालेकर कि मॉडरेटर ने भरी सभा में बोलने से रोका

Bhaskar Hindi
Update: 2019-02-10 09:02 GMT
ऐसा क्या कह गए अमोल पालेकर कि मॉडरेटर ने भरी सभा में बोलने से रोका

डिजिटल डेस्क, मुम्बई। बॉलीवुड इंडस्ट्री के जाने माने कलाकार, अभिनेता अमोल पालेकर शनिवार को एक कार्यक्रम में शामिल हुए। इस कार्यक्रम में उन्हें भाषण देने के लिए कहा गया, लेकिन जैसे ही उन्होंने बोलना शुरू किया, कार्यक्रम के मॉडरेटर ने उन्हें बोलने से रोक दिया। दरअसल, शनिवार को दिग्गज अभिनेता अमोल पालेकर ने नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट के कार्यक्रम में शिरकत की। यह कार्यक्रम मशहूर कलाकार प्रभाकर बर्वे की याद में आयोजित किया गया था। जब वे भाषण दे रहे थे तो भाषण के दौरान ही उन्हें बीच में टोक दिया गया और भाषण खत्म करने के लिए कहा गया, क्योंकि अपने भाषण में वे सरकार की आलोचना कर रहे थे। अपने भाषण के दौरान अमोल पालेकर ने कहा कि आर्ट गैलरी अपनी स्वतंत्रता खोती जा रही है। उन्होंने आर्ट गैलरी के कामकाज पर भी सवाल उठाए थे। आपको बता दें कि पिछले साल अक्टूबर महीने तक नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट की एक सक्रिय "सलाहकार समिति" थी, जिसमें स्थानीय कलाकारों का प्रतिनिधित्व होता था, लेकिन अब इसे संस्कृति मंत्रालय नियंत्रित करता है। 

पालेकर इसी बारे में अपनी बात कह रहे थे। उन्होंने कहा, ""2017 में यह जानकर बहुत खुशी हुई कि एनजीएमए कोलकाता और पूर्वोत्तर में अपनी शाखा खोलने जा रहा है। मुंबई में भी इसको बढ़ाने की खबर आई थी, लेकिन 13 नबंवर, 2018 को एक और त्रासदी पूर्ण निर्णय ले लिया गया।"" उन्हें बीच में टोक दिया गया। कार्यक्रम के मॉडरेटर ने उन्हें कहा कि यह कार्यक्रम किसी की याद में आयोजित किया गया है। बेहतर होगा, आप उन्हीं के बारे में बोलें। जब पालेकर को बार बार भाषण के बीच में टोका गया तो उन्होंने पूछा कि ""क्या आप चाहती हैं कि मैं आगे न बोलूं। ये जो सेंसरशिप है, हमसे कहा जा रहा है कि ये मत बोलो, वो मत बोलो, ये मत खाओ, वो मत खाओ। एनजीएमए कला की अभिव्यक्ति और विविध कला को देखने का पवित्र स्थान है, उस पर कैसा नियंत्रण। मैं इससे परेशान हूं। आजादी का सागर सिमट रहा है। इसे लेकर खामोश क्यों हैं? कुछ दिन पहले अभिनेत्री नयनतारा सहगल को मराठी साहित्य सम्मेलन में आने से रोका गया, क्योंकि वह जो बोलने वाली थीं, वो मौजूदा हालात की आलोचना थी। क्या हम यहां भी ऐसे हालात बना रहे हैं।"" इसके बाद मॉडरेटर ने उन्हें अपनी स्पीच जल्दी खत्म करने के लिए कहा।  

जनता करेगी असहिष्णुता का अंत-कांग्रेस

उधर महाराष्ट्र कांग्रेस के महासचिव और प्रवक्ता सचिन सावंत ने पालेकर के साथ हुई घटना पर नाराजगी जताते हुए कहा कि देश में पिछले पांच सालों से असहिष्णुता का वातावरण नजर आ रहा है। अमोल पालेकर को न बोलने देना इसी का हिस्सा है। लोकतांत्रिक विचारधाराओं के लिए घातक मोदी सरकार के कुछ महीने ही बचे हैं और देश की जनता असहिष्णुता का अंत कर देगी। सावंत ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक बालकृष्ण शिनराम मुंजे ने तानाशाह मुसोलिनी से मुकालात की और यह विचारधारा भारत में लाई। गोवलकर के हिटलर प्रेम के साथ यह विचारधारा पालीपोसी गई। संघ की शाखाओं में पिछले कई सालों से इस विचारधारा पर अमल किया जा रहा है। अब संघ प्रचारक के प्रधानमंत्री बनने के बाद सरकारी मशीनरी के जरिए यह विचारधारा थोपने का प्रयास किया जा रहा है।     

देश में अघोषित आपातकाल-आंबेडकर

भारिप बहुजन महासंघ के अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर ने कहा कि देश में अघोषित आपातकाल चल रहा है। केंद्र की भाजपा सरकार आरएसएस का एजेंडा लागू कर रही है। इसलिए ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि सरकार के विरोध में कोई आवाज नहीं उठा पाए। चुनाव के ऐन मौके पर यह दिखाने की कोशिश है कि हम तानाशाही तरीके से मनमाना कामकाज कर सकते हैं। 
 

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