FTII के नए चेयरमैन बने अनुपम खेर, 'धर्मराज युधिष्ठिर' की लेंगे जगह

FTII के नए चेयरमैन बने अनुपम खेर, 'धर्मराज युधिष्ठिर' की लेंगे जगह

Bhaskar Hindi
Update: 2017-10-11 09:46 GMT
FTII के नए चेयरमैन बने अनुपम खेर, 'धर्मराज युधिष्ठिर' की लेंगे जगह

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉलीवुड के जाने-माने एक्टर अनुपम खेर को फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (FTII) का चेयरमैन बनाया गया है। इससे पहले तक महाभारत में "धर्मराज युधीष्ठिर" का रोल निभा चुके गजेंद्र चौहान FTII के चेयरमैन थे। चौहान का टेन्योर मार्च 2017 में खत्म हो चुका है, जिसके बाद अनुपम खेर को इस इंस्टीट्यूट का चेयरमैन बनाया गया है। बता दें कि चौहान को जब FTII का चेयरमैन बनाया गया था, तो उस वक्त इंस्टीट्यूट में उनके खिलाफ कई महीनों तक स्टूडेंट्स ने स्ट्राइक रखी थी। स्टूडेंट्स के विरोध के बाद भी सरकार ने अपना फैसला वापस नहीं लिया और गजेंद्र चौहान FTII के चेयरमैन बने रहे। 

अनुपम को FTII का चेयरमैन बनाने के बाद बोले लोग- "चमचागिरी का रिवॉर्ड मिला"
 

क्लर्क का काम करते थे अनुपम के पिता

बॉलीवुड की कई फिल्मों में काम कर चुके अनुपम खेर का जन्म 7 मार्च 1955 को शिमला में हुआ था। उनके पिता क्लर्क का काम करते थे, जबकि अनुपम ने भी अपनी लाइफ में स्ट्रगल किया है। खेर ने अपने एक्टिंग का करियर नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से किया था, जबकि बॉलीवुड में उन्हें फिल्म "सारांश" से पहचान मिली थी। इस फिल्म में अनुपम ने एक बुजुर्ग पिता का रोल किया था, जबकि उनकी उम्र 28 साल थी। इस फिल्म के बाद से अनुपम खेर को फिल्मों में बड़ी उम्र का रोल ही करने को मिला और वो एक हीरो बनने की बजाय सिर्फ एक फिल्म एक्टर ही बनकर रह गए। इसके बावजूद ने खेर ने अपने करियर में 500 से ज्यादा छोटी-बड़ी फिल्मों में काम किया है। बताया जाता है कि अपने करियर के शुरुआती दिनों में अनुपम खेर जब मुंबई आए तो उनके पास रहने के लिए घर भी नहीं था और उन्होंने अपने स्ट्रगल के दिनों में प्लेटफॉर्म पर अपनी रातें बिताईं हैं। 

सेंसर बोर्ड और NSD के चेयरमैन भी रह चुके हैं खेर

FTII का चेयरमैन बनने से पहले अनुपम खेर सेंसर बोर्ड और NSD (नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा) के चेयरमैन भी रह चुके हैं। फिल्मों के अलावा खेर खई टीवी शोज़ भी कर चुके हैं, जिसमें "कुछ भी हो सकता है" काफी पॉपुलर हुआ था। अनुपम खेर ने अपने करियर में कॉमेडी रोल ज्यादा किए हैं और इसके लिए उन्हें कई बार फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिल चुका है। उन्हें राम-लखन (1989), लम्हे (1991), खेल (1992), डर (1993) और दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे (1995) के लिए फिल्मफेयर से नवाजा जा चुका है। इसके साथ ही 1990 में आई "डैडी" के लिए उन्हें "बेस्ट एक्टर क्रिटिक अवॉर्ड" और 1988 में आई "विजय" के लिए "बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर" का अवॉर्ड भी मिल चुका है। इसके अलावा बेहतरीन एक्टिंग के लिए अनुपम खेर को 2004 में "पद्म श्री" और 2016 में "पद्म भूषण" से भी सम्मानित किया जा चुका है। 

बीजेपी सांसद है अनुपम खेर की पत्नी

FTII के चेयरमैन अनुपम खेर की पत्नी बीजपी की सांसद हैं, वो 2014 के लोकसभा चुनाव में चंडीगढ़ से चुनाव जीतकर सांसद बनीं हैं। इसके साथ ही अनुपम खेर को भी बीजेपी का करीबी माना जाता है। किरण खेर और अनुपम खेर की शादी 1985 में हुई थी। किरण भी बॉलीवुड की कई फिल्मों में काम कर चुकी हैं और फिलहाल वो पॉलिटिक्स में एक्टिव हैं और फिल्मों में कम ही नजर आती हैं। बताया जाता है कि किरण खेर की ये दूसरी शादी थी। इससे पहले किरण की शादी मुंबई के एक बिजनेसमैन गौतम बेरी से हुई थी, लेकिन ये शादी ज्यादा नहीं टिक सकी और दोनों का तलाक हो गया। इसके बाद किरण खेर ने बॉलीवुड एक्टर अनुपम खेर से शादी कर ली। अपने पहले पति से किरण को एक बेटा भी है, जिसका नाम सिकंदर खेर है। 

3 साल का टेन्योर, काम सिर्फ 14 महीने का
 
FTII चेयरमैन का टेन्योर 3 साल का होता है। गजेंद्र चौहान का टेन्योर भी 3 साल ही था, लेकिन इस पोस्ट पर चौहान सिर्फ 14 महीने ही रहे। गजेंद्र चौहान 7 जनवरी 2016 से इस पोस्ट पर थे, लेकिन उनका टेन्योर 4 मार्च 2014 से गिना गया। 4 मार्च 2017 को जब चौहान का टेन्योर कम्प्लीट हुआ तो उन्होंने कहा था कि, "9 जून को मैं इस पोस्ट के लिए अपॉइंट किया गया था, लेकिन मेरा टेन्योर 4 मार्च 2014 से गिना गया।" उन्होंने कहा था कि, "मेरी अपॉइटमेंट 19 महीने के लिए हुई थी, लेकिन मुझे काम करने का मौका सिर्फ 14 महीने का मिला।" 

140 दिनों तक स्ट्राइक थी FTII में

गजेंद्र चौहान FTII के सबसे विवादित चेयरमैन रहे हैं। उनके चेयरमैन बनते ही FTII स्टूडेंट्स ने उनका विरोध करना शुरू कर दिया था। स्टूडेंट्स ने लगातार 140 दिनों तक स्ट्राइक की थी, इसके बाद भी केंद्र की मोदी सरकार अपने इस फैसले से पीछे नहीं हटी थी। स्टूडेंट्स का कहना था कि सरकार गजेंद्र चौहान को चेयरमैन बनाकर FTII का "भगवाकरण" करने की कोशिश कर रही है। हालांकि उस समय गजेंद्र चौहान ने स्टूडेंट्स से अपील की थी कि, "उन्हें इस मुद्दे को राजनीतिक रंग नहीं देना चाहिए और हड़ताल खत्म कर अपनी पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए।" उन्होंने ये भी कहा था कि, "कला की कोई विचारधारा नहीं होती और स्टूडेंट्स पर कोई भी किसी तरह की विचारधारा नहीं थोपेगा।" ऐसा नहीं है कि गजेंद्र चौहान का सिर्फ FTII में ही विरोध हुआ था, बल्कि देश के कई हिस्सों में उन्हें इस तरह के विरोध का सामना करना पड़ा था। इसके साथ ही कई स्टूडेंट्स को गिरफ्तार भी किया गया था। बता दें कि गजेंद्र चौहान ने महाभारत में "युधिष्ठिर" का रोल किया था। साथ ही कई "बी-ग्रेड" फिल्मों में भी उन्होंने काम किया था।

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