दिल्ली के वकील ने कहा, फिल्म पठान के खिलाफ सीबीएफसी का कदम स्वागतयोग्य

पठान विवाद दिल्ली के वकील ने कहा, फिल्म पठान के खिलाफ सीबीएफसी का कदम स्वागतयोग्य

IANS News
Update: 2022-12-29 10:30 GMT
दिल्ली के वकील ने कहा, फिल्म पठान के खिलाफ सीबीएफसी का कदम स्वागतयोग्य

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कुछ दिनों पहले दिल्ली के एक वकील ने सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर और केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के पास बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण के खिलाफ एक म्यूजिक वीडियो में धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने की शिकायत दर्ज कराई थी। इसे संज्ञान में लेते हुए सीबीएफसी के अध्यक्ष प्रसून जोशी ने पठान के निर्माताओं से फिल्म और गानों में कुछ बदलाव करने और फिल्म के रिलीज से पहले एक संशोधित संस्करण प्रस्तुत करने को कहा है।

जोशी ने कहा, सीबीएफसी हमेशा रचनात्मक अभिव्यक्ति और दर्शकों की संवेदनशीलता के बीच सही संतुलन खोजने के लिए प्रतिबद्ध है और इसका मानना है कि हम सभी हितधारकों के बीच सार्थक संवाद के माध्यम से समाधान ढूंढ सकते हैं।

जबकि प्रक्रिया का पालन और कार्यान्वयन किया जा रहा है, मुझे यह दोहराना चाहिए कि हमारी संस्कृति और आस्था गौरवशाली, जटिल और सूक्ष्म है। हमें सावधान रहना होगा कि यह सामान्य ज्ञान से परिभाषित न हो जाए, जो ध्यान को वास्तविक और सत्य से दूर ले जाए। जैसा कि मैंने पहले भी कहा है, क्रिएटर्स और दर्शकों के बीच विश्वास की रक्षा करना सबसे महत्वपूर्ण है और क्रिएटर्स को इस दिशा में काम करते रहना चाहिए।

फिल्म का गाना बेशरम रंग 12 दिसंबर को ऑनलाइन प्रसारित हुआ।

सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले एडवोकेट विनीत जिंदल ने कहा था कि गाना अश्लील है और हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचाता है।

उन्होंने कहा, हम सभी जानते हैं कि भगवा रंग त्याग, बलिदान, ज्ञान, पवित्रता और सेवा का प्रतीक है, लेकिन बॉलीवुड ने इस गीत में अश्लील हरकतें करके गर्व और भक्ति के रंग का अपमान करके उस रंग को बेशर्मी का प्रतीक बना दिया।

उन्होंने कहा, फिल्म में पादुकोण और खान के प्रदर्शन ने भगवा रंग की दिव्यता को नुकसान पहुंचाया है, जो हिंदू समुदाय के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

जिंदल ने कहा कि यह एक जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य है, जिसका उद्देश्य अश्लील ²श्यों के माध्यम से हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना है।

उन्होंने कहा, सोशल मीडिया और सभी सार्वजनिक प्लेटफार्मों पर वीडियो गीत का प्रसार आईटी अधिनियम के तहत एक अपराध है और इसलिए अभिनेताओं और अन्य के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए।

उन्होंने वीडियो पर प्रतिबंध लगाने और इंटरनेट से तुरंत हटाने का अनुरोध किया, क्योंकि यह हिंदुओं के लिए अपमानजनक है और इससे रोष पैदा हो सकता है।

(आईएएनएस)

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