इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में नागपुर के डायरेक्टर को मिला अवार्ड, पसंद आई नूरेह की कहानी

इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में नागपुर के डायरेक्टर को मिला अवार्ड, पसंद आई नूरेह की कहानी

Tejinder Singh
Update: 2018-10-21 13:17 GMT
इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में नागपुर के डायरेक्टर को मिला अवार्ड, पसंद आई नूरेह की कहानी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। इंडिया और पाकिस्तान के बॉर्डर पर लगातार हो रही फायरिंग का खामियाजा उठाने वाली छात्रा पर बनी फिल्म नूरेह को इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में अवार्ड मिला है। मुख्य किरदार नूरेह की उम्र 8 साल है, दोनो तरफ से होने वाली फायरिंग का खामियाजा उसे भुगतना पड़ता है। बॉर्डर पर तनाव होते ही स्कूल बंद हो जाता है। एसे में उसे लगता है कि यदि फायरिंग बंद हो जाए, तो पढ़ाई का नुक्सान नहीं होगा। काश्मीर की पृष्ठभूमि पर फिल्मायी गई शार्ट फिल्म दर्शकों को काफी भा रही है।  

नूरेह का निर्देशन उपराजधानी के डायरेक्टर अाशीष पांडे ने किया है। आशीष सदर में रहते हैं और वे रामदेव बाबा कॉलेज से इंजीनियरिंग कर चुके हैं। उन्होंने अपनी स्कूलिंग एसएफएस की है। उनकी शॉर्ट फिल्म नूरेह को बुसान इंटरनेशनल फिल्म फेस्टीवल में सोंजे अवार्ड मिला है। द बुसान इंटरनेशनल फिल्म फेस्टीवल 4 अक्टूबर को शुरु हुआ था, जो 14 अक्टूबर तक चला है। फिल्म फेस्टीवल में 324 फल्में की स्क्रीनिंग हुईं। इस दौरान आशीष पांडे ने एशियन कॉम्पीटिशन में सोंजे अवार्ड हासिल किया। जिसमें 79 दशों से आईं फिल्में दखाई गईं। अवार्ड की घोषणा 14 अक्टूबर को हुई। 

इस मौके पर चाइनीज फिल्म और कोरियान फिल्म ने न्यू करेंट अवार्ड हासिल किया। देवाशीष मखीजा और नंदिता दास की फल्म मंटो को भी एशियन सिनेमा सेक्शन में रखा गया था। शॉर्ट फिल्म नूरेह की शूटिंग कश्मीर में हुई थी। यह शूटिंग गुरेह नामक जगह में की गई थी। शूटिंग के दौरान आर्मी ने भी मदद की थी। 

"नूरेह" की स्क्रीनिंग कोरियन शॉर्ट फिल्म के साथ हुई थी। कोरियन फिल्म "कैट डे आफ्टरनून" का  निर्देशन कोरियन शॉर्ट फिल्म क्यूशन सुंगमो ने किया था। दोनो फिल्म डायरेक्टर्स को 10,000,000 केआरडब्ल्यू (लगभग 6.5 लाख रुपए) से सम्मानित किया गया। 22 मिनट की शॉर्ट फिल्म नूरेह की कहानी आठ साल की लड़की नूरेह (सैमा लतीफ) थी, जो भारत-पाकिस्तान सीमा पर रहती है।

बुसान इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ने लिखा है कि पांडे की "कहानी मुख्य चरित्र बहुत प्रभावित करता है। मानव प्रकृति के प्रकाश और अंधेरे का एक प्रभावशाली ट्रैक जो युद्ध में भी कहीं- कहीं शांति होने की आशा करता है"। फिल्म के प्रोड्यूसर आशीष हैं। कलाकारों में साइमा लतीफ, सानिया मंजूर और आफरीन रफीक हैं। इसका स्क्रीनप्ले भी आशीष का है। सिनेमोटोग्रॉफर सुशील गौतम, एडिटिंग पल्लवी संद्याल और सांउड संगीत डेनियल जॉर्ज ने पेश किया है।

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