KBC: सनोज बनें 11 वें सीजन के पहले करोड़पति, कहा- इस जीत पर खुश हूं

KBC: सनोज बनें 11 वें सीजन के पहले करोड़पति, कहा- इस जीत पर खुश हूं

Bhaskar Hindi
Update: 2019-09-14 10:24 GMT
KBC: सनोज बनें 11 वें सीजन के पहले करोड़पति, कहा- इस जीत पर खुश हूं

डिजिटल डेस्क, मुम्बई। टेलीविजन रिएलिटी शो "कौन बनेगा करोड़पति" के सीजन 11 को उसका पहला करोड़पति मिल गया है। इस सीजन का यह तमगा हासिल किया है बिहार के सनोज राज ने। सादा जीवन और उच्च विचार में विश्वास रखने वाले सनोज ने, बहुत खूबसूरत से शो पर हर सवाल का जवाब दिया। हॉट सीट पर उन्हें देखना एक ट्रीट की तरह था। लोग उन्हें हर कदम पर प्रोत्साहित कर रहे थे। सनोज के व्यवहार को देखकर अमिताभ भी उनसे बेहद प्रभावित हुए। 

शो में हर सवाल का जवाब देते हुए जब सनोज एक करोड़ के सवाल पर पहुंचे, तब लोगों की सांसे धम गई। लोग देखना चाहते थे कि मनोज इस एक करोड़ के सवाल का जवाब दे पाएंगे या नहीं। खास बात यह है कि यही वह पल था जो केबीसी के 11 वें सीजन का सबसे खूबसूरत पल था। सनोज को इस एक करोड़ के सवाल का जवाब भी पता था, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने लाइफलाइन का इस्तेमाल किया। 

जब अमिताभ ने पूछा कि आपको जवाब पता था, फिर भी आपने लाइफलाइन का उपयोग क्यों किया। इस पर सनोज ने बहुत ही विनम्रतापूर्वक उल्लेख किया कि चूंकि वह 7 करोड़ के सवाल के लिए लाइफलाइन का उपयोग नहीं कर पाएंगे, इसलिए उन्हें लगा कि इसे बेकार जाने की बजाय इसका उपयोग किया जाए! 

कौन बनेगा करोड़पति के 11 वें सीजन का पहला करोड़पति बनने के बाद सनोज ने कहा कि "मैं इस जीत पर खुश हूं। यह मेरे जीवन का एक महत्वपूर्ण पल है और मैं केवल कई और उपलब्धियां हासिल करने के लिए यहां से और आगे बढ़ने का इरादा रखता हूं। मेरा मानना है कि अपने लक्ष्यों के प्रति कड़ी मेहनत, लगन और समर्पण उन्हें हासिल करने की प्रक्रिया को बहुत अधिक सुखद बना देगा। वर्तमान में मेरी खुशी अल्पकालिक है क्योंकि मैं अपनी यूपीएससी परीक्षाओं पर ध्यान केंद्रित कर रहा हूं जो अगले सप्ताह से शुरू हो रही हैं।"

बता दें सनोज आईएएस बनने के इच्छुक, सनोज वर्तमान में दिल्ली में अपनी यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। उनका मानना है कि आईएएस के पद के साथ ही बदलाव लाने का मौका भी मिलता है। उनकी दिलचस्पी नीति निर्माण और उसके कार्यान्वयन में है। वह स्वास्थ्य और पर्यावरण के संबंध में नीतियां बनाना चाहते हैं। उनके अनुसार, वर्षा जल संचयन, गांवों में जल निकासी की उचित व्यवस्था और अधिक वृक्षारोपण के बारे में मजबूत नीतियों की आवश्यकता है। जब स्वास्थ्य की बात आती है, तो वह कुपोषण और जैविक और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं।

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