मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में होता है नस्लभेद : सैमुएल एबियोल

मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में होता है नस्लभेद : सैमुएल एबियोल

Bhaskar Hindi
Update: 2018-04-01 08:40 GMT
मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में होता है नस्लभेद : सैमुएल एबियोल

डिजिटल डेस्क। मलयालम फिल्म "सुदानी फ्रॉम नाइजीरिया" में मुख्य किरदार निभाने वाले नाईजीरियन कलाकार सैमुएल एबियोल ने मलयालम फिल्म इंडस्ट्री पर नस्लभेद का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि उन्होंने फिल्म की शूटिंग के दौरान इसका अनुभव किया और इसी के चलते उन्हें फिल्म में जितना मेहनताना मिलना चाहिए वो भी नहीं मिला है। 20 वर्षीय इस युवा कलाकार ने यह सब अपने फेसबुक वॉल पर लिखा है।

सैमुएल ने लिखा, "वास्तव में सच्चाई यह है कि मैंने केरल के निर्माताओं द्वारा मेरे साथ किए गए नस्लीय भेदभाव का सामना किया..मैं इससे पहले कुछ नहीं कहना चाहता था, क्योंकि मैं धैर्यवान बनने की कोशिश कर रहा था, लेकिन अब मैं बोलने के लिए तैयार हूं।"

एबियोला ने कहा, "मैं यह अब इसलिए कह रहा हूं, क्योंकि मैं चुपचाप नहीं बैठ सकता और ऐसा किसी अन्य युवा असहाय अश्वेत कलाकार के साथ नहीं होने दे सकता। मेरा मानना है कि केरल में होने के दौरान मैं नस्लीय भेदभाव का शिकार था। यह हिंसक तरीके से या सीधे मेरे मुंह पर नहीं हुआ, लेकिन "सुदानी फ्रॉम नाइजीरिया" में मेरे किरदार के लिए निर्माताओं ने मुझे जितना मैं आमतौर पर कमाता हूं, उसके मुकाबले भारतीय कलाकारों से कम मेहनताना दिया, जो मेरे जितना आधा भी लोकप्रिय, अनुभवी या पारंगत नहीं हैं।"

आपको बता दें कि सैमुएल एबियोल ने अपने करियर की शुरुआत साल 2013 में की थी। उन्होंने कई बड़ीं फिल्मों में काम किया है, जिनमें "डेसपरेट हाउसवाइव्स अफ्रीका", एम-नेट के "टिंसेल" शामिल हैं। सैमुएल एबियोल पहले ऐसे नाईजीरियन अभिनेता हैं जिन्होंने हिन्दी फिल्म में लीड रोल प्ले किया है। जकारिया मोहम्मद के निर्देशन में बनी फिल्म "सुदानी फ्रॉम नाइजीरिया" में एबियोल एक नाईजीरियाई फुटबॉल खिलाड़ी की कहानी बताते हैं जो मलप्पुरम में एक फुटबॉल क्लब में शामिल होता है। फिल्म पिछले सप्ताह रिलीज हुई और यह सफल फिल्मों की कतार में शामिल होने की कगार पर है। एबियोला के बयान पर फिल्म यूनिट के सदस्यों की प्रतिक्रिया आनी अभी बाकी है।

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