#happybirthday_शबाना आजमी को मिल चुके हैं 3 नेशनल अवॉर्ड, कुछ इस तरहा चढ़ा था एक्टिंग का जूनन  

#happybirthday_शबाना आजमी को मिल चुके हैं 3 नेशनल अवॉर्ड, कुछ इस तरहा चढ़ा था एक्टिंग का जूनन  

Bhaskar Hindi
Update: 2017-09-18 10:39 GMT
#happybirthday_शबाना आजमी को मिल चुके हैं 3 नेशनल अवॉर्ड, कुछ इस तरहा चढ़ा था एक्टिंग का जूनन  

डिजिटल डेस्क,मुंबई। शबाना आजमी आज अपना 67वां जन्मदिन मना रहीं हैं। 18 सितंबर 1950 को  जन्मी शबाना हिंदी सिनेमा का वो नाम है जिन्हें मंझे हुए कलाकारों की श्रेणी मे रखा जाता है। एक्टिंग से हटकर उन्हें जाना जाता है तो वो है उनकी हाजिर जवाबी और सामीजिक कार्यों के लिए। वो अक्सर ही कई मुद्दों पर अपनी आवाज बुलंद करती नजर आती हैं। शबाना ने एक बार महिलाओं में होने वाले कैंसर के लिए जागरूता फैलाने के लिए अपनी सिर मुड़वा लिया था। उस वक्त किसी एक्ट्रेस का बाल मुंडवाना किसी अजूबे से कम नहीं था, तब उनके इस कदम की काफी सराना हुई थी।आइए जानते हैं उनके बारे में ऐसे कई फैक्टस..

शबाना आजमी पिछले चार दशक से बॉलीवुड में बतौर एक्ट्रेस सक्र‍िय हैं। शबाना ने अपनी अदाकारी की शुरुआत थिएटर से की थी। गर्ल्स स्कूल में शबाना को उनकी पर्सनैलि‍टी देखते हुए लड़कों के रोल दिए जाते थे। उन्होंने अपने कॉलेज के सीनियर फारुख शेख के साथ मिलकर मुंबई के सेंट जेवियर कॉलेज में हिन्दी नाट्य मंच बनाया था। इसके लिए उन्हें कॉलेज से पैसा नहीं मिलता था। वे और उनके साथी खुद ही इसका खर्च उठाते थे। जब इस नाट्य मंच को हर साल अवॉर्ड्स मिलने लगे तो शबाना अपने कॉलेज प्रशासन के पास गईं और उन्होंने अंग्रेजी थिएटर ग्रुप की तरह ही कॉलेज से आथिर्क मदद दिए जाने की मांग की। लेकिन उन्हें सिर्फ दस रुपए मिले। शबाना ये देखकर नाराज हो गईं और उन्होंने इसे वापस करते हुए कहा कि आप ये हमारी तरफ से डोनेशन समझकर रख लीजिए।

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शबाना जया बच्चन की फिल्म सुमन देखकर बेहद प्रभावित हुईं थीं।  इसके बाद शबाना ने तय कर लिया कि वे एक्ट्रेस बनेंगी। शबाना ने एक्ट्रेस बनने के अपने सपने को पूरा करने के लिए एफटीआईआई पुणे जाना का तय किया। जब उन्होंने अपना ये फैसला अपने अब्बा को बताया तो उनके अब्बा ने कहा, "आप यद‍ि मोची भी बनना चाहें तो भी मुझे उसमें कोई ऐतराज नहीं, लेकिन आप वादा करें कि आप सबसे बेहतरीन मोची बनकर दिखाएंगी।

शबाना को जल्द ही एफटीआईआई से बेस्ट स्टूडेंट की स्कॉलरश‍िप मिल गई। शबाना ने स्टूडेंट रहते ही दो फिल्में साइन कर ली थीं। इनमें एक थी ख्वाजा अहमद अब्बास की फासला और दूसरी कांतिलाल राठौर की पर‍िणय। कोर्स खत्म होते ही उन्होंने इसकी शूटिंग शुरू कर दी थी।

शबाना आजमी ने 1984 में जावेद अख्तर से शादी की थी। जावेद की ये दूसरी शादी थी। दरअसल, जावेद शबाना के अब्बा से मिलने उनके घर आते थे। इसी दौरान उनकी दोस्ती शबाना से हुई। धीरे-धीरे ये दोस्ती प्यार में बदली। 1984 में जावेद ने अपनी पत्नी से शबाना के लिए तलाक ले लिया और शबाना से शादी कर ली।

शबाना आजमी ने लगातार तीन साल नेशनल फिल्म अवॉर्ड जीता था। उन्हें 1983 से 1985 तक फिल्म अर्थ, कंधार और पार के लिए यह सम्मान मिला। इसके बाद उन्हें फिल्म गॉडमदर के लिए 1999 में नेशनल अवॉर्ड मिला।
 

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