'पद्मावती' को लेकर संसदीय कमेटी ने IB मिनिस्ट्री से 15 दिन में मांगी रिपोर्ट

'पद्मावती' को लेकर संसदीय कमेटी ने IB मिनिस्ट्री से 15 दिन में मांगी रिपोर्ट

Bhaskar Hindi
Update: 2017-11-22 06:14 GMT
'पद्मावती' को लेकर संसदीय कमेटी ने IB मिनिस्ट्री से 15 दिन में मांगी रिपोर्ट

डिजिटल डेस्क, मुंबई। निर्देशक संजय लीला भंसाली की फिल्म "पद्मावती" की रिलीज डेट को लेकर अभी भी अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है। पुणे कोर्ट से भी भंसाली-दीपिका समेत 6 लोगों को शोकॉज नोटिस भेजा जा चुका है। इसी बीच एक और खबर है कि संसदीय कमेटी ने इस फिल्म को लेकर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से 15 दिन में रिपोर्ट मांगी है। संसदीय कमेटी के अध्यक्ष भगत सिंह कोशियारी ने इस मामले पर नोटिस जारी किया है। बता दें कि फिल्म की रिलीज वैसे तो टल गई है। सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी ने कहा कि भंसाली ने फिल्म को बोर्ड के पास भेजने से पहले ही कुछ पत्रकारों को दिखा दिया है।


प्रसून जोशी ने कहा कि इस समय फिल्म को लेकर जो स्थिति बनी हुई है। उसके हिसाब से सर्टिफिकेट देने में 68 दिन लग सकते हैं। उन्होंने कहा, अगर लोग चाहते हैं कि सेंसर बोर्ड फिल्म पर कोई फैसला ले तो उन्हें बोर्ड को समय, स्वतंत्रता देनी होगी। वहीं यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने भंसाली के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि उन्हें लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने की आदत हो गई है। भंसाली भी इस विवाद के लिए जिम्मेदार हैं।


टेलीकॉम ऑपरेटर्स आइडिया ने दिया ऑफर

वहीं टेलीकॉम ऑपरेटर्स ग्राहकों के मोबाइल नंबर आधार से लिंक कराने के लिए फिल्म "पद्मावती" का सहारा ले रहे हैं। आइडिया ने एक अनोखा ऑफर निकाला है, जिसमें कंपनी 24 नवंबर से पहले मोबाइल नंबर को आधार से लिंक करने वाले ग्राहकों को 250 रुपये का पेटीएम मूवी वाउचर दे रही है। इस वाउचर कोड को चयनित ग्राहकों को 29 नवंबर तक पहुंचा दिया जाएगा। हालांकि आइडिया ने इस वाउचर की वैलिडिटी तय नहीं की है। बता दें कि कुल 20000 Paytm मूवी वाउचर ग्राहकों को दिए जाएंगे।

 

दूरदर्शन भी दिखा चुका है पद्मावती की कहानी

बता दें कि यह पहली बार नहीं है कि रानी पद्मावती की कहानी पर काम किया गया है। इससे पहले भी 1980 के दशक में भंसाली एडिटर के तौर पर इस कहानी पर काम कर चुके हैं। ये कहानी दूरदर्शन पर पहले भी दिखाई जा चुकी है। जिसमें अलाउद्दीन खिलजी का किरदार दिवंगत अभिनेता ओम पुरी ने निभाया था। "भारत एक खोज" में हर आदमी ने इस कहानी को देखा था, लेकिन तब कोई विरोध नहीं हुआ।

अब जब इसी कहानी को एक बड़े पैमाने पर बनाया गया तो विरोध हो गया। "भारत एक खोज" को लगभग सालभर तक "दूरदर्शन" ने दिखाया था। इसके 26वें एपिसोड "द देल्ही सल्तनत एंड पद्मावत" में रानी पद्मावती की कहानी दिखाई गई थी।

 

उस समय इसका निर्देशन श्याम बेनेगल ने किया था। संजय लीला भंसाली इस टीवी सीरीज में असिस्टेंट एडिटर के तौर पर काम कर रहे थे। शायद उसी समय भंसाली के दिमाग में यह आइडिया आया हो कि इस कहानी को वे बड़े कैनवास पर फिल्माएंगे। इस सीरीज के एपिसोड में आप "घूमर" गीत भी देख सकते हैं। 

 

हालांकि इस कहानी में रानी पद्मावती के जौहर को नहीं दिखाया गया था। यह कहानी तब खत्म होती है जब राजा रतन सिंह को खिलजी की गिरफ्त से छुड़ा लिया जाता है। राजा रतन सिंह के किरदार में राजेंद्र गुप्ता नजर आए थे। सीमा केलकर ने इस कहानी में पद्मावती का किरदार निभाया था।

 

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