बिक जाएगा 70 साल पुराना ऑइकोनिक ‘आर के स्टूडियो’, ऋषि कपूर ने बताई ये वजह

बिक जाएगा 70 साल पुराना ऑइकोनिक ‘आर के स्टूडियो’, ऋषि कपूर ने बताई ये वजह

Bhaskar Hindi
Update: 2018-08-26 12:16 GMT
बिक जाएगा 70 साल पुराना ऑइकोनिक ‘आर के स्टूडियो’, ऋषि कपूर ने बताई ये वजह

डिजिटल डेस्क, मुंबई। अपने जमाने के मशहूर एक्टर और फिल्ममेकर राज कपूर ने जिस आइकॉनिक "आर के स्टूडियो" को चेंबूर मुंबई में स्थापित किया था, अब वह बिकने वाला है। अभिनेता ऋषि कपूर ने इसकी पुष्टि की है। घटती आमदनी, बढ़ते ख़र्च और रखरखाव में मुश्किल को देखते हुए कपूर परिवार ने ये फैसला लिया है। हालांकि स्टूडियो बेचने के लिए अभी कोई डेडलाइन सेट नहीं की गयी है।

क्या कहा ऋषि कपूर ने?
ऋषि कपूर ने कहा कि परिवार की सर्वसम्मति से, चार दशकों पहले मुंबई के चेम्बूर में स्थापित किेए गए आरके स्टूडियो को बेचने का फैसला किया है। मुंबई मिरर को दिए एक साक्षात्कार में ऋषि ने कहा कि इस जगह से भावनात्मक जुड़ाव है, लेकिन ये एक सफेद हाथी की तरह बन गया था जिससे काफी नुकसान उठाना पड़ा। ऋषि कपूर ने कहा कि हम भाइयों में अटूट बंधन है। लेकिन हमारे बच्चों और उनके बच्चों के बारे में कौन जानता है? अगर अगली पीढ़ी में मतभेद बढ़ जाए तो क्या होगा? स्टूडियो केवल मुकदमेबाजी में खत्म होगा। परिवार के मतभेद होंगे और केवल वकीलों को इसका फायदा मिलेगा जो बड़ी फीस वसूलेंगे। क्या आपको लगता है कि प्यार और मेहनत से बनाए गए मेरे पिता का ये स्टूडियो कोर्ट रूम की कार्यवाही की वजह बन जाए?

पिछले साल स्टूडियो में लग गई थी आग
इस स्टूडियो को बेचने की सबसे बड़ी वजह इसकी घटता आमदानी और बढ़ता खर्च है। पिछले कुछ सालों से फिल्म मेकर्स आर के स्टूडियो के बजाय दूसरे स्टूडियो को फिल्म की शूटिंग के लिए चुनते थे। कुछ टीवी सीरियल और विज्ञापन की शूटिंग ही स्टूडियो में चल रही थी। जिस कारण इसका रखरखाव करना बेहद मुश्किल होता जा रहा था। बता दें कि चेंबुर स्थित आर के स्टूडियो करीब 2 एकड़ एरिया में फैला हुआ है। साल 2017 के 16 सितंबर को दो एकड़ में बने इस स्टूडियो में आग लग गई थी, जिसके कुछ हिस्से बुरी तरह जल गए थे। हालांकि बाद में इसे रिपेयर कराया गया था। इस स्टूडियो में राज कपूर 90 फीसदी फिल्मों का निर्माण किया करते थे। 63 साल की उम्र में राज कपूर का निधन हो गया था।

गिरवी रखना पड़ा का आरके स्टूडियो
राज कपूर ने 70 साल पहले 1948 में आरके स्टूडियो की नींव रखी थी। इस स्टूडियो के बैनर तले बनायी गयी पहली फ़िल्म आग फ्लॉप रही थी, मगर दूसरी फ़िल्म बरसात को बड़ी कामयाबी मिली थी। एक समय ऐसा भी आया था जब राज कपूर को उनके स्टूडियो को गिरवी रखना पड़ा था। दरअसल, मेरा नाम जोकर राज कपूर की महत्वाकांक्षी फ़िल्म थी, जिसे बनाने के लिए उन्हें उन्होंने बेहिसाब पैसा ख़र्च किया और इसके लिए आरके स्टूडियो गिरवी रखना पड़ा। रिलीज़ के बाद मेरा नाम जोकर बड़ी असफलता साबित हुई, जिससे राज कपूर को गहरा सदमा पहुंचा। बाद में ऋषि कपूर को लांच करने के लिए बनाई बॉबी की अपार सफलता से राज कपूर ने आरके स्टूडियो का कर्ज़ चुकाया था।

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