पाकिस्तान में इस बार नहीं रिलीज होगी भाईजान की फिल्म ‘टाइगर जिंदा है’

पाकिस्तान में इस बार नहीं रिलीज होगी भाईजान की फिल्म ‘टाइगर जिंदा है’

Bhaskar Hindi
Update: 2017-12-15 10:41 GMT
पाकिस्तान में इस बार नहीं रिलीज होगी भाईजान की फिल्म ‘टाइगर जिंदा है’

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉलीवुड के भाईजान सलमान खान के वैसे तो पाकिस्तान में भी बहुत से फैन हैं। हर साल उनकी फिल्में पाकिस्तान में रिलीज होती हैं, वहां की जनता बड़े प्यार से सलमान की फिल्में भी देखती है। पाकिस्तान में सलमान खान के फैंस की कमी नहीं है, लेकिन इस साल उनकी मोस्ट अवेटेड फिल्म ‘टाइगर जिंदा है’ सरहद पार के लोग नहीं देख सकेंगे। पाकिस्तान के सेन्ट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सेंसर इस फिल्म को पाकिस्तान में रिलीज करने की अनुमति नहीं दी है। 

 

सलमान की ये फिल्म इस साल 22 दिसंबर को रिलीज होने वाली है। बता दें कि पाकिस्तान में फिल्म के प्रदर्शन के डिस्ट्रीब्यूशन राइट्स जियो फिल्म के पास हैं। सेंसर से मंजूरी मिलने के बाद ही जियो फिल्म इस फिल्म को प्रदर्शित कर सकती है, लेकिन अब 22 दिसंबर को इस फिल्म के प्रदर्शित होने की संभावना नहीं है। बता दें कि इससे पहले ‘एक था टाइगर’ फिल्म को भी पाकिस्तान में प्रदर्शित करने की अनुमति नहीं मिली थी। यह फिल्म उसी का सीक्वल है। 

 

पाकिस्तान सेंसर बोर्ड प्रमुख के अनुसार फिल्म को देश की राष्ट्रीय सुरक्षा संस्थानों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों को दिखाया गया है। उन्हें इस फिल्म में कुछ चीजें प्रतिष्ठा के खिलाफ लगी। हम इससे कोई समझौता नहीं कर सकते। सीबीएफसी के प्रमुख मोबाशिर हसन ने कहा कि वितरकों के आग्रह की बारीकी से जांच करने के बाद अनापत्ति प्रमाणपत्र जारी करना सूचना मंत्रालय का कानूनी और प्रशासनिक निर्णय है।

 

सूत्रों के अनुसार, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, नेशनल हिस्ट्री एंड लिटरेरी हैरिटेज ने सीबीएफसी की सिफारिश को लेकर फिल्म को अनापत्ति प्रमाणपत्र देने से इंकार कर दिया है। इस फिल्म को मंजूरी नहीं मिलने का कारण फिल्म में पाकिस्तान से संबंधित दृश्य दिखाया जाना है। इसलिए सलमान के पाकिस्तानी फैन को उनकी ये फिल्म देखने के लिए थोड़ा इंतजार और करना पड़ सकता है। भारत में ये फिल्म अपने निर्धारित दिन को ही रिलीज होगी। 

 

‘टाइगर जिंदा है’ के निर्देशक अली जफर ने कहा था कि ये फिल्म मानवता पर आधारित है। इसमें राजनीति का पहलू नहीं है। इस फिल्म के पीछे यह विचार है कि "जब सही और गलत के बीच लड़ाई होती है, तब दांव पर क्या लगा होता है, मानवता।.. और मानवता से बड़ा कुछ नहीं होता।" बता दें कि पाकिस्तान ने 1968 में भारतीय फिल्मों पर प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन इससे नकली (पाइरेटेड) सामग्रियों को बढ़ावा मिला। हालांकि इस प्रतिबंध को बाद में हटा दिया गया था। प्रतिबंध को हटाए जाने के बाद फरवरी में रिलीज होने वाली ‘काबिल’ पहली बड़ी बॉलीवुड फिल्म थी।

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