लिटरेचर में बनाना था करियर, लेकिन रजनीकांत ने बनाया नेशनल स्टार

लिटरेचर में बनाना था करियर, लेकिन रजनीकांत ने बनाया नेशनल स्टार

Bhaskar Hindi
Update: 2017-09-11 09:52 GMT
लिटरेचर में बनाना था करियर, लेकिन रजनीकांत ने बनाया नेशनल स्टार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। कहते हैं न "वही होता है जो मंजूरे खुदा होता है", ऐसा ही कुछ हुआ जानी-मानी एक्ट्रेस श्रेया सरन के साथ। वे अपना कॅरियर लिट्रेचर में बनाना चाहती थी पर ऐसा कुछ हुआ कि वे लाइम लाइट वाली दुनिया की तरफ मुड़ गई और फिर कभी वापस मुड़ कर नही देखा। आज श्रेया सरन अपना 35वां बर्थडे मना रही हैं। इसी मौके पर हम आपको बताने जा रहे हैं उनसे जुड़ी कुछ खास बातें..

उत्तराखंड के हरिद्वार में जन्मी श्रेया के पिता बीएचईएल में कर्मचारी रहे तो साथ ही मां डीपीएस में केमेस्ट्री की टीचर हैं। श्रेया लिट्रेचर में कॅरियर बनाना चाहती थी। उन्होंने दिल्ली के लेडी श्री राम कॉलेज से ग्रेजुएशन किया है। श्रेया ने अपनी मां से कथक और राजस्थानी फोक डांस सीखा है।

श्रेया ने "वीडियो एल्बम थिरकती क्यों हवा" से पहली बार कैमरा फेस किया था। जिसके तुरंत बाद ही उन्हे इष्टम फिल्म की लीड एक्ट्रेस के लिए साइन कर लिया गया था। अपनी पहली फिल्म के रिलीज से पहले ही श्रेया ने साइन कर ली थी चार और फिल्में।

कुछ यूं रहा सफर

श्रेया को "तेरी कसम" फिल्म से बॉलीवुड में एन्ट्री मिली थी। 2002 में उनकी फिल्म "संतोषम" ने बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा दिया था जिसके बाद उन्होंने एक के बाद एक हिट फिल्में दीं। 2007 में "आवारापन" के लिए श्रेया को "फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ नवोदित नायिका" के पुरस्कार से नवाजा गया था।

बॉलीवुड के साथ-साथ कॉलीवुड और हॉलीवुड में भी श्रेया काम कर चुकी हैं।  रजनीकांत के साथ शिवाजी: द बॉस में काम करने के बाद वो नेशनल स्टार बनीं। वेस्ट इंडीज के मशहूर क्रिकेटर व सिंगर ड्वेन ब्रावो के साथ भी उनका नाम जुड़ चुका है। 2008 में आई हॉलीवुड फिल्म "द अदर एंड ऑफ़ द लाइन" में भी वो लीड एक्ट्रेस रह चुकी हैं।

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