ईकेजी परीक्षण में अनियमित दिल की धड़कन का पता लगा सकता है एआई
ईकेजी परीक्षण में अनियमित दिल की धड़कन का पता लगा सकता है एआई
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
- इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम में अनियमित दिल की धड़कन के संकेतों -आर्टियल फिब्रिलेशन का पता लगा सकता है
- जब परीक्षण के दौरान दिल की धड़कन सामान्य चल रही हो
- तब भी यह उसका पता लगा सकता है
डिजिटल डेस्क, न्यूयॉर्क। (आईएएनएस)। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ईकेजी) में अनियमित दिल की धड़कन के संकेतों-आर्टियल फिब्रिलेशन (एएफ) का पता लगा सकता है। यहां तक कि जब परीक्षण के दौरान दिल की धड़कन सामान्य तरीके से चल रही हो, तब भी यह उसका पता लगा सकता है। मेयो क्लिनिक के नए शोध में यह जानकारी दी गई है।
एआई संचालित ईकेजी हाल के आर्टियल फिब्रिलेशन का भी पता लगा सकता है, जो किसी प्रकार का लक्षण प्रदर्शित नहीं कर रहा हो। इससे इसके इलाज के विकल्पों में सुधार होगा। द लेंसेट में प्रकाशित इस शोध में कहा गया है, इससे ईकेजी मशीनों की कुशलता बढ़ाई जा सकती है, जो दिल से जुड़ी बीमारियों की पहचान के लिए व्यापक रूप से इस्तेमाल की जाती है। अब तक आर्टियल फिब्रिलेशन की पहचान करना एक चुनौती बनी हुई है।
मेयो क्लिनिक के कार्डियोवेसकुलर विभाग के अध्यक्ष पॉल फ्रीडमैन का कहना है, जब लोग स्ट्रोक का शिकार होकर आते हैं, तो हम वास्तव में यह जानना चाहते हैं कि उन्हें स्ट्रोक से पहले आर्टियल फिब्रिलेशन तो नहीं था, क्योंकि यह उपचार का मार्गदर्शन करता है। आर्टियल फिब्रिलेशन के शिकार लोगों में खून को पतला करने वाली दवाई उन्हें आगे स्ट्रोक से बचाती है।
फ्रीडमैन कहते हैं, जिन लोगों में आर्टियल फिब्रिलेशन नहीं है, अगर उन्हें खून को पतला करने वाली दवाई दी गई, तो उन्हें कोई लाभ नहीं होता और रक्तस्राव का खतरा और बढ़ जाता है। यह एक महत्वपूर्ण जानकारी है। हम जानना चाहते हैं कि मरीज आर्टियल फिब्रिलेशन का शिकार है या नहीं। एआई संचालित ईकेजी आर्टियल फिब्रिलेशन का पता लगा सकता है, जिससे मरीज का सही इलाज किया जा सकेगा। इसके अलावा यह तकनीक किसी स्मार्टफोन या घड़ी के प्रोसेसर से भी काम कर सकती है, जिससे इसे बड़े पैमाने पर उपलब्ध कराया जा सकता है।