जामा मस्जिद के लजीज व्यंजनों पर कोरोना का लगा ग्रहण

जामा मस्जिद के लजीज व्यंजनों पर कोरोना का लगा ग्रहण

IANS News
Update: 2020-03-18 18:00 GMT
जामा मस्जिद के लजीज व्यंजनों पर कोरोना का लगा ग्रहण
हाईलाइट
  • जामा मस्जिद के लजीज व्यंजनों पर कोरोना का लगा ग्रहण

अनिंद्य बनर्जी/रोहन अग्रवाल

नई दिल्ली, 18 मार्च (आईएएनएस)। पुरानी दिल्ली में जामा मस्जिद के आसपास का इलाका अपने लजीज व्यंजनों के लिए देशभर में विख्यात है। यहां मटन निहारी, बिरयानी और भेजा फ्राई की सुगंध से ही खाने के शौकीन खिंचे चले आते हैं। मगर इन दिनों यहां के हालात बदले हुए हैं। दुकानदार बताते हैं कि हाल के दिनों में यहां पहले जैसी चहल-पहल नहीं रही।

दुकानदारों का कहना है कि धंधा मंदा पड़ गया है। इसके कारणों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि सीएए विरोधी प्रदर्शन के समय से ही यहां काम कम हो गया था और रही सही कसर कोरोना वायरस ने पूरी कर दी। दुकानदारों ने कहा कि कोरोना वायरस का प्रकोप जैसे-जैसे बढ़ा है, उससे यहां ग्राहकों का आना काफी कम हो गया है।

17वीं शताब्दी के मस्जिद क्षेत्र एक छोटी लेकिन लोकप्रिय मिठाई की दुकान चलाने वाले मोहम्मद शान को अब रबड़ी के अपने पूरे स्टॉक को बेचना मुश्किल हो रहा है। उनका कहना है कि रबड़ी का यही स्टॉक पहले कुछ ही घंटों में खत्म हो जाया करता था।

शान ने दावा किया, हमारी कन्फेक्शनरी 1939 में अस्तित्व में आई थी। मैंने अपने पूरे करियर में इतना कम कारोबार नहीं देखा है। यह अब तक की सबसे बेरंग होली गई है।

यहां हालांकि सड़कों पर लोगों की संख्या अभी भी काफी दिख रही है। मगर इसके बावजूद व्यापार पर विपरीत असर पड़ा है।

शान ने कोरोना के प्रकोप से पैदा हुई घबराहट को इसका जिम्मेदार जरूर बताया, मगर साथ ही दावा है कि सीएए विरोधी प्रदर्शन और दिल्ली के उत्तर-पूर्व में भड़की हिंसा के बाद काफी लोग इस अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्र में आने से बच रहे हैं।

उन्होंने कहा, सांप्रदायिक तनाव के कारण पहले से ही संघर्ष कर रहे व्यापार पर कोरोना ने काफी प्रतिकूल प्रभाव डाला है।

एक प्रसिद्ध मुगलई व्यंजन विक्रेता ने आईएएनएस को बताया, कोरोना के डर से लोग मांसाहारी खाद्य पदार्थों को खाने में डर रहे हैं। मटन अभी भी बिक रहा है, मगर चिकन के व्यंजनों के ऑर्डर में भारी गिरावट आई है।

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