मधुमेह के रोगियों में होती जा रही बढ़ोतरी, 2025 तक होंगे 6.9 करोड़ मधुमेह रोगी

मधुमेह के रोगियों में होती जा रही बढ़ोतरी, 2025 तक होंगे 6.9 करोड़ मधुमेह रोगी

Bhaskar Hindi
Update: 2019-12-07 04:51 GMT
मधुमेह के रोगियों में होती जा रही बढ़ोतरी, 2025 तक होंगे 6.9 करोड़ मधुमेह रोगी

डिजिटल डेस्क, मुम्बई। भारत में मधुमेह से ग्रस्त रोगियों की संख्या में निरंतर बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। पहले यह बीमारी सिर्फ 40 पार लोगों में दिखाई देती थी, लेकिन अब यह बीमारी बच्चों में भी दिखाई देने लगी है। इसका कारण भागती दौड़ती जिंदगी और सही खान पान का ना होना है। हालिया रिपोर्ट के अनुसार आने वाले पांच वर्षो में मुधमेह रोगियों की संख्या 266 प्रतिशत बढ़ सकती है। 

रिपोर्ट के अनुसार भारत में वर्ष 2025 तक मधुमेह रोगियों की तादाद 6.99 करोड़ तक पहुंच सकती है। बता दें इस बीमारी को धीमी मौत भी कहा जाता है, क्योंकि यह एक बार अगर किसी के शरीर को पकड़ लेती है तो उसे ताउम्र नहीं छोड़ती है। इस बीमारी का एक नेगेटिव पाइंट यह है कि यह अन्य बीमारियों को भी न्यौता देती है। 

सरकार जहां विभिन्न अवसरों पर मधुमेह से बचाव के अभियान चला रही है। वहीं अब इसके उपचार के लिए हर्बल दवाओं को प्राथमिकता दी जा रही है। काउंसिल ऑफ सांइटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च यानी सीएसआईआर की मदद से हर्बल दवाओं की खोज की गई है। केंद्रीय मंत्री के मुताबिक, लखनऊ स्थित भारत सरकार के शोध संगठन ने मुधमेह की हर्बल दवाएं बनाई हैं। ये हर्बल दवा वैज्ञानिक तौर पर भी मान्य व पुष्ट हैं। फिलहाल एमिल फार्मा मधुमेह की इन दवाओं का उत्पादन कर रही है।

आयुष मंत्रालय के अनुसार, मधुमेह रोगियों की संख्या में जिस तेजी से वृद्धि हो रही है व काफी खतरनाक है। दुनिया के कम ही देश ऐसे हैं जहां 2025 तक इसके रोगियों में लगभग 266 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की जाएगी। ऐसे में आयुष मंत्रालय योग व आयुर्वेद दोनों के एक साथ इस्तेमाल से इस बढ़ती चुनौती को काबू करना चाहता है। इसी के तहत स्वास्थ्य मंत्रालय व आयुष ने गुजरात, बिहार व राजस्थान के कुछ जिलों में मिलकर काम करने की योजना बनाई।

योजना में मिली प्रारंभिक सफलता के बाद अब बिहार, गुजरात व राजस्थान में 52 स्थानों पर मधुमेह व दिल की बीमारियों से निपटने के लिए आयुर्वेद व योग की मदद ली जा रही है। टाइप-2 डायबिटीज में भारतीय वैज्ञानिकों की रिसर्च बीजीआर-34 कारगर है। ये खुलासा बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के वैज्ञानिकों के शोध में हुआ है। लोकसभा में शुक्रवार को केंद्रीय आयुष मंत्री श्रीपद येसो नाईक ने खुलासा किया कि डायबिटीज रोगियों को बीजीआर-34 एंटी डायबिटीज मेडिसिन से काफी लाभ पहुंच रहा है।

मंत्रालय के अधीन सीएसआईआर ने गहन अध्ययन और लखनऊ स्थित प्रयोगशालाओं में लंबे ट्रायल के बाद इसे तैयार किया था। टाइप 1 डायबिटीज मरीजों को इससे काफी लाभ मिला है और अब बीएचयू की रिसर्च के बाद सरकार इसे टाइप 2 रोगियों के लिए भी इस्तेमाल करेगी। केंद्रीय आयुष मंत्री श्रीपद येसो नाईक के अनुसार मंत्रालय के अधीन सीएसआईआर के वैज्ञानिकों ने काफी गहन अध्ययन के बाद बीजीआर-34 नामक दवा तैयार की है जिसमें कई औषधियां हैं जो डायबिटीज को नियंत्रण करने में सहायक सिद्घ होती हैं।

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