लॉकडाउन : भूखे परिवार की मददगार बनी पुलिस

लॉकडाउन : भूखे परिवार की मददगार बनी पुलिस

IANS News
Update: 2020-03-31 04:30 GMT
लॉकडाउन : भूखे परिवार की मददगार बनी पुलिस
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महोबा (उप्र), 31 मार्च (आईएएनएस)। कोरोनावायरस का संक्रमण रोकने के लिए 25 मार्च से देश लॉकडाउन है। उत्पीड़न के लिए बदनाम रही पुलिस का अब इंसानियत वाला चेहरा भी सामने आ रहा है। कुलपहाड़ के इंस्पेक्टर ने मुढारी में दो दिन से भूखे एक मजदूर परिवार को सोमवार की शाम राशन सामग्री उपलब्ध कराई।

कुलपहाड़ कोतवाली क्षेत्र के मुढारी गांव के राजू रैकवार (48) ने मंगलवार को आईएएनएस को बताया कि वह रोजाना मेहनत-मजदूरी कर अपने परिवार के लिए दो वक्त की रोटी का इंतजाम करता है।

उसने कहा, कोरोनावायरस के बढ़ते संक्रमण के चलते लॉकडाउन होने से पिछले छह दिनों से कोई काम नहीं मिला, जिससे बच्चे दो दिन से भूखे थे।

उसने बताया कि गांव वालों के कहने पर उसने हिम्मत जुटाकर कोतवाल साहब को फोन कर अपनी दास्तान सुनाई। लिहाजा सोमवार शाम पुलिस गेहूं, 50 किलोग्राम चावल के अलावा सब्जी और तेल मसाले लेकर उसके घर पहुंची और उन्हें यह राशन का सामान दिया।

इस संबंध में कुलपहाड़ कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) अभिमन्यु सिंह यादव ने कहा कि देश संकट के दौर से गुजर रहा है। महामारी के साथ-साथ लोगों को भूख से भी बचाना है। राजू ने फोन पर राशन न होने की जानकारी दी थी। सो जो बन पड़ा भिजवा दिया है। उन्होंने कहा, हम इसे प्रचारित नहीं करना चाहते क्योंकि पुलिस से पहले हम भी इंसान हैं। पुलिस सदैव आपकी सेवा के लिए तत्पर है, बशर्ते लॉकडाउन का पूर्णतया पालन करें।

गौरतलब है कि इसके पूर्व बांदा के डीआईजी दीपक कुमार ने ट्विटर से मिली सूचना पर गुजरात में फंसे एक युवक की बीमार मां को हमीरपुर जिले में राशन भिजवाया था। इतना ही नहीं फोन पर मिली सूचना के आधार पर हैदराबाद में फंसे युवक की साढ़े आठ माह की गर्भवती पत्नी काजल (25) को बांदा जिले के रमजूपुर गांव से उसकी ससुराल चित्रकूट जिले के सभापुर-तरांव गांव वाहन से भिजवाया गया था।

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