एमसीआई के पास आरक्षण देने की शक्ति नहीं: सुप्रीम कोर्ट

एमसीआई के पास आरक्षण देने की शक्ति नहीं: सुप्रीम कोर्ट

IANS News
Update: 2020-09-01 06:34 GMT
एमसीआई के पास आरक्षण देने की शक्ति नहीं: सुप्रीम कोर्ट
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नई दिल्ली, 31 अगस्त (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट की पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने सोमवार को कहा कि मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) के पास किसी भी विशेष राज्य में स्नातकोत्तर चिकित्सा पाठ्यक्रमों के लिए इन-सर्विस उम्मीदवारों के लिए आरक्षण देने की कोई शक्ति नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकारें इन-सर्विस डॉक्टरों के लिए प्रवेश का एक अलग चैनल तैयार करने में सक्षम है।

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी सुझाव दिया कि उम्मीदवारों को ग्रामीण और पहाड़ी क्षेत्रों में करीब पांच साल की सेवा जरूर देनी चाहिए।

न्यायधीश अरुण मिश्रा, इंदिरा बनर्जी, विनीत सरन, एम. आर. शाह और अनिरुद्ध बोस की पीठ ने कहा कि एमसीआई संविधान की सूची 1 की प्रविष्टि 66 के तहत निर्माण की हुई संस्था है और इसका काम चिकित्सा शिक्षा के मानकों को बनाए रखना है।

पीठ ने कहा कि पीजी मेडिकल कोर्सेज में इन-सर्विस उम्मीदवारों के लिए आरक्षण प्रदान करने वाला एमसीआई, मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया एक्ट के अधिकार के परे (अल्ट्रा वायर्स) है।

हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि निर्णय भविष्य से लागू होगा और इसकी वजह से पहले से हुए दाखिले प्रभावित नहीं होंगे।

पीठ ने यह भी कहा कि राज्य सरकारें पीजी मेडिकल कोर्स में इन-सर्विस डॉक्टरों के लिए आरक्षण प्रदान करने के लिए नियम बना सकती हैं।

वहीं पीठ ने वर्चुअल कोर्ट के माध्यम से मामले को तय करने में संविधान पीठ की मदद करने के लिए भी सभी अधिवक्ताओं का आभार भी प्रगट किया।

एमएनएस-एसकेपी

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