पाकिस्तान में जुलाई तक 12 लाख लोग हो सकते हैं कोरोना संक्रमित (लीड-1)
पाकिस्तान में जुलाई तक 12 लाख लोग हो सकते हैं कोरोना संक्रमित (लीड-1)
इस्लामाबाद, 15 जून (आईएएनएस)। पाकिस्तान में मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) के व्यापक उल्लंघन और कोरोना वायरस के अस्तित्व को ही नकारने जैसी अज्ञानता ने इस बीमारी के प्रसार के चिंताजनक अनुमानों को जन्म दिया है। अनुमान लगाया जा रहा है कि देश में अगले डेढ़ महीने में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 12 लाख तक पहुंच जाएगी।
पाकिस्तान के योजना, विकास व विशेष पहल मंत्री असद उमर ने यह अनुमान जारी किए हैं। उन्होंने कहा, अभी (कोरोना) मामलों के बढ़ने की जो रफ्तार है, उसके हिसाब से इस महीने (जून) के अंत तक देश में कोरोना मरीजों की संख्या तीन लाख हो सकती है और 31 जुलाई तक यह संख्या बढ़कर बारह लाख तक पहुंच सकती है।
उमर ने कहा, लेकिन, अच्छी बात यह है कि हम अभी भी एसओपी का अच्छे से पालन कर इस बीमारी के प्रसार को रोक सकते हैं।
पाकिस्तान में अब हर दिन कोरोना वायरस के हजारों मामले सामने आ रहे हैं और देश के सभी हिस्सों, विशेष रूप से प्रमुख शहरों से मौतें हो रही हैं।
नवीनतम संख्या के अनुसार, पाकिस्तान में कोरोना वायरस के कम से कम 144,478 मामले सामने आ चुके हैं और 2,729 लोगों की मौत हो चुकी है। 53,721 मरीज स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं। पिछले 24 घंटों में 5,248 मामले सामने आए हैं जबकि 97 लोगों ने अपनी जान गंवाई है।
सरकार द्वारा परीक्षण बढ़ाने के साथ, देश के सभी हिस्सों और प्रमुख शहरों से बड़ी तादाद में मामले सामने आने लगे हैं, जिससे इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार की स्मार्ट लॉकडाउन को जारी रखने की नीति पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं।
लोग गंभीर स्थिति को समझने में सरकार की क्षमता पर सवाल उठा रहे हैं। इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार को वायरस फैलाने की जिम्मेदारी लेने के लिए भी कहा जा रहा है जिसने इसे शुरुआत में एक साधारण फ्लू से ज्यादा कुछ नहीं कहा था।
एक स्थानीय व्यक्ति ने, जिसका पूरा परिवार कोरोना पॉजिटिव पाया गया है, कहा, सरकार जो कहती रही है कि वह विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा परिभाषित एसओपी का अनुसरण कर रही है, वहीं अब डब्ल्यूएचओ द्वारा दो सप्ताह के पूर्ण लॉकडाउन और दो सप्ताह के रुक-रुक कर किए जाने वाले लॉकडाउन की सिफारिश को स्वीकार करने से इनकार कर रही है।
उन्होंने कहा, इमरान खान ने कहा था कि यह एक साधारण फ्लू है। अब वही कुछ और कह रहे हैं। हम मूर्ख नहीं हैं। उन्होंने सभी बाजारों, व्यवसायों, परिवहन को खोल दिया है और अब कोरोनो वायरस मामलों में वृद्धि के लिए लोगों को ही जिम्मेदार ठहराने की कोशिश कर रहे हैं। यह अज्ञानता और अक्षमता है। लोग इमरान खान के कोरोना वायरस पर भ्रमित दृष्टिकोण के कारण अज्ञानी बनने पर विवश हुए हैं। सरकार को लोगों को मूर्ख नहीं बनाना चाहिए।
वायरस के प्रसार को रोकने के लिए पूर्ण लॉकडाउन पर प्रधानमंत्री इमरान खान का रुख अब बहस का मुख्य एजेंडा बन गया है। यह बहस उनके समर्थकों की निराशा पर या फिर लोगों के बड़े पैमाने पर गुस्से पर खत्म हो रही है।