उत्तराखंड में फंसे मजदूरों को रोजगार दिलाने में जुटा आरएसएस

उत्तराखंड में फंसे मजदूरों को रोजगार दिलाने में जुटा आरएसएस

IANS News
Update: 2020-04-09 10:00 GMT
उत्तराखंड में फंसे मजदूरों को रोजगार दिलाने में जुटा आरएसएस

देहरादून, 9 अप्रैल (आईएएनएस)। कोरोनावायरस के फैले संक्रमण को रोकने के लिए हुए लॉकडाउन से कई प्रकार की प्रगति रूक गई है। दूसरे राज्यों से आए मजदूर भी यहां फंस गए हैं। उनका काम-धंधा ठप्प होंने से उनके सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा है। ऐसे में आरएसएस ने इन मजदूरों को रोजगार देने का बेड़ा उठाया है। इनके लिए कृषि से जुड़े रोजगार व अवसरों की तलाश की जा रही है।

देहरादून के महाराणा प्रताप नगर के नगर कार्यवाह चन्द्रशेखर जोशी ने आईएएनएस को बताया, हमारे यहां करीब 450 दिहाड़ी मजदूर लॉकडाउन के चलते बेरोजगार हैं। इनमें ज्यादातर मजदूर मध्यप्रदेश,छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश के हैं। ये लोग यहां पर पहले मिस्त्री गिरी, और दैनिक मजदूरी का कार्य करते थे। यहीं पर आस-पास झोपड़ी रहते भी है। लॉकडाउन के कारण अभी सारे काम बंद है। ऐसे में इन्हें अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए धन की जरूरत है। इसलिए यह लोग हमसे नगद धनराशि मांग रहे जो कि हम लोगों ने देने से मना कर दिया है। इसकी जगह हमें इन्हें खेती-किसानी से जुड़े कायरें में लगाने जा रहे हैं। जिससे इनकी कुछ कमाई हो जाएगी। हलांकि यह लोग सुबह-शाम यहीं पर भोजन करते हैं।

उन्होंने बताया कि ऐसे में हमारे संगठन के अन्य लोगों ने योजना बनाई की इन्हें कृषि से जुड़े रोजगार दिलाया जाए। इस समय यहां पर गेंहू कटाई का समय चल रहा है। यहां के ग्रामीण क्षेत्रों में मजदूरों की काफी कमी है। इसलिए लोगों को इनकी जरूरत है। देहरादून के करबारी ग्रांट, तेलपुर, बनियावाला, मेंहूवाला सहित अनेक गांव शामिल हैं। जहां पर इन्हें कटाई का काम आसानी से मिल जाएगा और बदले में इन्हें 400-500 रूपये भी प्रतिदिन मिल जाएंगे। जिसका इनके परिवार का भरण-पोषण भी हो जाएगा।

जोशी ने बताया कि संघ के प्रांत सम्पर्क प्रमुख राजेन्द्र पंत और महानगर के अन्य कार्यकर्ताओं ने इन्हें अभी कटाई के कामों लगाने को कहा है। इन 450 मजदूरों की सूची बनाकर बड़ोवाला भंडारी फार्म हाउस केन्द्र में रखी गयी है। सभी का आधार कार्ड व अन्य ब्यौरा भी रख लिया गया है। किसानों को सूचना दे दी गयी है। वह लोग हमारे यहां मजदूरों के लिए संपर्क कर रहे हैं। इन्हें बीघे के हिसाब से पैसा दिया जाएगा। जो भी दिहाड़ी होगी वह हमारे केन्द्र में जमा होगी। यहीं से इन्हें मजदूरी का पैसा दिया जाएगा। ऐसा इसलिए किया जा रहा है कि जिससे श्रामिकों का पैसा सुरक्षित रहे। यह लोग गेंहू कटाई के अलावा अन्य कृषि कायरें में भी सामजिक दूरी (सोशल डिस्टेंसिंग) का पालन करेंगे।

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