टीएवीआई, टीएमवीआर तकनीक से वॉल्व का सफल ऑपरेशन

टीएवीआई, टीएमवीआर तकनीक से वॉल्व का सफल ऑपरेशन

IANS News
Update: 2020-09-11 14:30 GMT
टीएवीआई, टीएमवीआर तकनीक से वॉल्व का सफल ऑपरेशन
हाईलाइट
  • टीएवीआई
  • टीएमवीआर तकनीक से वॉल्व का सफल ऑपरेशन

जयपुर, 11 सितम्बर (आईएएनएस)। चंडीगढ़ के एक 55 साल के भारतीय-कनाडाई मरीज के दिल के दो वॉल्व सफलतापूर्वक प्रतिस्थापित कर लिए गए।

एटर्नल हॉस्पिटल में डॉक्टरों की एक टीम ने ट्रांसकैथेटर एओर्टिक वाल्व इंप्लान्टेशन (टीएवीआई) और ट्रांसकैथेटर माइट्रल वाल्व रिप्लेसमेंट (टीएमवीआर) तकनीक से बिना ओपन हार्ट सर्जरी के ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया।

इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट और स्ट्रक्चरल हार्ट डिजीज स्पेशलिस्ट रवींद्र सिंह राव के नेतृत्व में, इस पूरी प्रक्रिया के दौरान कोई परेशानी नहीं हुई और प्रतिस्थापन के तुरंत बाद दोनों वॉल्व सुचारू रूप से काम करने शुरू कर दिए।

टीएवीआई एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें बेहद संकरी एओर्टिक वाल्व को उस वक्त प्रतिस्थापित किया जाता है, जब यह सही से खुलने में सक्षम नहीं रहती है और साथ ही आमतौर पर परंपरागत सर्जरी से कई बार मरीज के स्वास्थ्य को काफी जोखिम भी रहता है, जिससे बचने के लिए ये एक बेहतर विकल्प है।

बात करें टीएमवीआर की तो यह भी माइट्रल वॉल्व के लीकेज को ठीक करने की एक आसान सी तकनीक है।

एक ही बार में दो वॉल्व को प्रतिस्थापित करने की इस तकनीक का उपयोग दुनियाभर में काफी कम पैमाने पर होता है।

राव ने शुक्रवार को अपने एक बयान में कहा, यह एमएसी में (माइट्रल एन्युलर कैल्सीफिकेशन) पहला सफल टीएमवीआर है। ऐसा देश में पहली बार हुआ है। देश में दो वॉल्व को एक साथ प्रतिस्थापित किए जाने का यह पहला मामला है।

एएसएन/एएनएम

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