6 महीने में वैक्सीन चाहने वालों की संख्या 12.8 फीसदी से घटकर 2 फीसदी रह गई

कोरोना वैक्सीन 6 महीने में वैक्सीन चाहने वालों की संख्या 12.8 फीसदी से घटकर 2 फीसदी रह गई

IANS News
Update: 2021-10-21 16:30 GMT

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। आईएएनएस-सीवोटर वैक्सीन ट्रैकर के अनुसार, टीका लगवाने की चाहत रखने वालों की संख्या मई 2021 में 12.8 प्रतिशत थी, जो बड़े पैमाने पर टीकाकरण के बाद अक्टूबर 2021 में घटकर केवल 2 प्रतिशत रह गई है।

यह आंशिक रूप से अप्रैल-मई में भारत में कोविड-19 की घातक दूसरी लहर के कारण हो सकता है।

पिछले छह महीनों में कई तरह के संदेह थे- जैसे वायरस होने का खतरा नहीं, अन्य उपचार, खुद को बीमारी देने वाले टीके और टीके का पूरी तरह से परीक्षण नहीं किया जा रहा है, विशेष रूप से दूसरी कोविड लहर के बाद दूर हो गए हैं।

ट्रैकर के अनुसार, 82 प्रतिशत योग्य आबादी को पहले ही कोविड वैक्सीन की एक खुराक मिल चुकी है, जबकि 39 प्रतिशत ने दोनों खुराक प्राप्त कर ली हैं।

जबकि भारत पूरी तरह से वैक्सीन समर्थक है, यूरोप में वैक्सीन के प्रति हिचकिचाहट कई गुना अधिक है और अमेरिका में 10 गुना अधिक है।

वैक्सीन अभियान में पूरी आबादी की गणना नहीं की जा सकती, क्योंकि पात्र जनसंख्या केवल 18 वर्ष से ऊपर है।

ट्रैकर के अनुसार, भारत दुनिया में सबसे अधिक वैक्सीन समर्थक देश हैं, क्योंकि इसके 98 प्रतिशत पात्र व्यक्ति कोविड-19 के खिलाफ टीका लगवाना चाहते हैं।

यह डेटा तब दिन आया है, जब भारत 100 करोड़ टीकाकरण के मील के पत्थर तक पहुंच गया, और यह दर्शाता है कि इस संख्या को प्राप्त करने में टीके की कमी ने एक बड़ी भूमिका निभाई है।

सीवोटर के संस्थापक यशवंत देशमुख ने कहा कि भारत दुनिया में सबसे अधिक वैक्सीन समर्थक देश है और हर समय, 90 प्रतिशत या उससे अधिक टीकाकरण करवाना चाहता है।

देशमुख ने कहा कि भारत में टीके की हिचकिचाहट की बात जो टीकाकरण अभियान को रोक सकती है, वह झूठी कहानी हो सकती है।

ट्रैकर के अनुसार, केवल 2 प्रतिशत ने कहा है कि वे टीकाकरण नहीं करवाना चाहते हैं। एक साल पहले टीके की हिचकिचाहट 12-13 प्रतिशत थी, जो अब घटकर केवल 2 प्रतिशत रह गई है।

ट्रैकर में, यह पूछे जाने पर कि क्या वैक्सीन की उत्पत्ति के देश का कोई प्रभाव नहीं है, 22.4 प्रतिशत असहमत थे और 70.1 प्रतिशत इस धारणा से सहमत थे। 22.4 प्रतिशत चीनी टीकों के प्रति घृणा का प्रतिनिधित्व करता है।

ट्रैकर में कुल 15.4 प्रतिशत इस धारणा से असहमत थे कि टीके धार्मिक मान्यताओं के अनुकूल हैं। भले ही 15.4 फीसदी ने यह कहा, लगभग 13 फीसदी ने यह भी कहा कि वे वैक्सीन लेंगे, जिससे वैक्सीन की हिचकिचाहट केवल 2 फीसदी रह जाएगी।

(आईएएनएस)

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