चीन को झटका!: भारत के हाथों में श्रीलंका के एयरपोर्ट की कमान! चीन ने हवाईअड्डे बनाने के लिए दिए थे करोड़ों रुपये

  • चीन को श्रीलंका ने दिया झटका!
  • भारत को दी मटाला एयरपोर्ट की कमान
  • एयरपोर्ट के लिए चीन ने दिए थे करोड़ों रुपये

Ritu Singh
Update: 2024-04-27 10:02 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। श्रीलंका ने हाल ही में हम्बनटोटा शहर स्थित मटाला राजपक्षे इंटरनेशनल एयरपोर्ट के प्रबंधन और संचालन की जिम्मेदारी भारत और रूसी कंपनियों को सौंप दी है। इस हवाईअड्डे के निर्माण में करीब 20.9 करोड़ अमेरिकी डॉलर खर्च हुए थे। यह हवाईअड्डा हम्बनटोटा के बंदरगाह के नजदीक बनाया गया है। बता दें कि श्रीलंकाई सरकार ने इस बंदरगाह को चीन को 99 सालों के लिए लीज पर दिया है। ऐसे में बंदरगाह के करीब बने मटाला एयरपोर्ट के प्रबंधन की जिम्मेदारी चीन के बजाय भारत और रूस की कंपनी को देना चीन के लिए एक बड़ा झटका माना जा सकता है।

कैबिनेट मंत्री ने जारी किया बयान

साल 2013 में बने मटाला हवाईअड्डे को पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के नाम पर रखा गया था। श्रीलंका के कैबिनेट मंत्री बांदुला गुणवर्धने ने 26 अप्रैल को बयान जारी किया। भारत और रूस की कंपनियों को एयरपोर्ट मैनेजमेंट की जिम्मेदारी दिए जाने की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा, "मंत्रीमंडल ने इस संबंध में संभावित पक्षकारों से 9 जनवरी को रुचि पत्र आमंत्रित करने की मंजूरी दी थी। इसके बाद आए हुए 5 प्रस्तावों में से नियुक्त किए गए सलाहकारों समिति ने भारत की शौर्य एयरोनॉटिक्स (प्राइवेट) लिमिटेड और रूस की एयरपोर्ट्स ऑफ रीजन्स मैनेजमेंट कंपनी को 30 सालों के लिए लीज पर देने का फैसला किया"।

क्यों दिया लीज पर एयरपोर्ट?

मटाला हवाईअड्डे को बनाने के लिए चीन की एग्जिम बैंक ने श्रीलंका को उच्च ब्याज दर पर 19 करोड़ डॉलर का कॉमर्शियल लोन दिया था। लेकिन इस एयरपोर्ट पर यात्रियों की संख्या कम होने की वजह से उड़ानों की संख्या में गिरावट आ गई। एक समय ऐसा भी था जब इसे दुनिया का सबसे सुनसान एयरपोर्ट कहा जाने लगा था। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, यह एयरपोर्ट पर्यावरण के लिहाज से भी काफी संवेदनशील है। इन वजहों से श्रीलंका सरकार को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा था और लगातार घाटे में रहने के कारण इस एयरपोर्ट को लीज पर देने का फैसला किया। अब देखने वाली बात यह है कि क्या भारतीय और रूसी कंपनियों को इस एयरपोर्ट की कमान सौंपने पर कुछ बदलाव आएंगे या नहीं।

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